नई दिल्ली: सऊदी अरब ने सोमवार को भारत की कच्चे तेल की जरूरत को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ऊर्जा उपभोक्ता देश में ईंधन के खुदरा और पेट्रोरसायन कारोबार में निवेश का इच्छुक है.

भारत ऊर्जा मंच को संबोधित करते हुए सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल फलीह ने कहा कि मेरा बार-बार भारत आना यह दर्शाता है कि सऊदी अरब भारत को काफी महत्व देता है. ईरान के बाद सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है. उन्होंने कहा कि ईरान पर प्रतिबंध की वजह से किसी तरह की कमी को पूरा करने के लिए वह प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा, ‘मैंने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की. मैंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि हम भारत की कच्चे तेल की जरूरत को पूरा करेंगे और यहां निवेश करना जारी रखेंगे.’

इससे पहले वैश्विक और घरेलू तेल एवं गैस कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब जैसे तेल उत्पादक देशों से तेल के भावों को कम कर उचित स्तर पर लाने के लिए और अधिक कदम उठाने की अपील की.

मोदी ने तेल का उत्पादन एवं निर्यात करने वाले देशों को आगाह किया कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से वैश्विक आर्थिक वृद्धि को नुकसान हो रहा है. तीसरी सालाना चर्चा में भारत जैसे तेल उपभोक्ता देशों की चिंताओं को सामने रखा. कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारत में डीजल पेट्रोल और रसाईं गैस के दाम ऊंचे हो गए हैं.

मोदी ने सऊदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल-फालेह की उपस्थिति में कहा कि कच्चे तेल की कीमतें चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. इससे वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव पड़ रहा है, मुद्रास्फीति बढ़ रही है और भारत जैसे विकासशील देशों का बजट खराब हो रहा है. मोदी ने कंपनियों के प्रमुखों से यह भी पूछा कि पिछली बैठक में उनके द्वारा दिए सुझावों पर अमल करने के बाद भी देश में तेल एवं गैस के खोज और उत्पादन के क्षेत्र में निवेश क्यों नहीं आ रहा है.