नई दिल्ली: #MeToo के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर (MJ Akbar) विदेश दौरे से भारत लौट आए हैं. नाइजीरिया के दौरे पर गये केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर रविवार की सुबह दिल्ली लौटे. दिल्ली लौटते ही केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पत्रकारों के सवालों से कन्नी काटते नजर आए और इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. हालांकि, पत्रकारों के बार-बार सवाल दोहराने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे बाद में बयान देंगे और फिर चलते बने. गौरतलब है कि #MeToo के तहत करीब 10 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इन महिला पत्रकारों में एक विदेश महिला पत्रकार भी शामिल हैं.

दरअसल जैसे ही एमजे अकबर दिल्ली पहुंचे और एयरपोर्ट से बाहर निकले तो पत्रकारों ने उन पर लगे आरोपों से संबंधित सवाल किए, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि- मैं बाद में बयान जारी करूंगा.' गौरतलब है कि एमजे अकबर आरोप है कि उन्होंने पत्रकार और संपादक रहते कई महिला पत्रकारों का यौन उत्पीड़न किया है.

वहीं, माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव को देखते केंद्र सरकार और भाजपा जल्द ही कोई फैसला ले सकती है. सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में भाजपा पहले केंद्रीय मंत्री से उनका पक्ष सुनना चाहती है. यह वजह है कि विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर को लेकर केंद्र सरकार अभी तक कुछ भी नहीं कह रही है. मिली जानकारी के अनुसार अपने विदेशी दौरे से लौटने के बाद बाद अब भाजपा पहले अकबर से उनका स्पष्टीकरण मांगेगी. इसके बाद यह फैसला किया जाएगा कि इस मामले में पार्टी और सरकार को आगे क्या कदम उठाने चाहिए.

सोशल मीडिया पर मी टू अभियान के जोर पकड़ने के बीच पिछले कुछ दिनों में कई महिला पत्रकारों ने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. हालांकि, भाजपा ने मामले में चुप्पी साध रखी है लेकिन अकबर के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई रूख अपनाए बिना कुछ महिला मंत्रियों ने मी टू अभियान को अपना समर्थन दिया है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि सबसे पहले अकबर को ही आरोपों पर जवाब देना है.

इतना ही नहीं, खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर चुकी हैं. वहीं सरकार के सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले वह इस पर केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर का पक्ष जानेंगे और उन्हें खुद बोलने का मौका देंगे.