मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर खुश हैं कि यौन उत्पीड़न झेल चुकी महिलाएं आगे आ रही हैं और हिम्मत के साथ आपबीती बयां कर रही हैं। भारत में चल रहे 'मीटू' अभियान के बारे में विचार पूछने पर स्वरा ने कहा, 'इस पर बहुत बात हो चुकी है। मैंने अपना समर्थन ट्वीट कर दे दिया था। मुझे लगता है कि 'मीटू' अभियान भारत में बहुत समय से लंबित पड़ा था और अच्छा है कि यह आखिरकार सामने आया।'

उन्होंने कहा, 'मैं उन सभी महिलाओं की प्रशंसा करती हूं, जिन्होंने अपनी जिंदगी को फिर से जिया है और अपने नाम के साथ आपबीती लोगों तक पहुंचाई है।'

स्वरा ने जोर देकर कहा कि उनकी बात सुनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम सभी को सुनना चाहिए…मैं सिर्फ बॉलीवुड की बात नहीं कर रही हूं, मैं सभी कार्यस्थलों के बारे में बात कर रही हूं।'

शुक्रवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने मुजफ्फरपुर आयीं फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन ने बॉलीवुड के साथ ही अन्य क्षेत्रों में हो रहे महिलाओं के शोषण से लेकर मी टू पर अपनी बेबाक राय दी। 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में रवीना टंडन ने महिलाओं के शोषण के विरोध में मी टू को एक ऐसा मंच करार दिया जहां महिलाएं अपनी बात रख सकती हैं। अभिनेत्री ने महिला सशक्तीकरण के बीच इस तरह के शोषण की बात सामने आने को समाज का कड़वा सच बताते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा होता है। यह सच है मगर क्या यह झूठ है कि कौन सा दफ्तर या क्षेत्र ऐसा है जहां महिलाओं का शोषण नहीं होता। ऐसी महिलाएं जो अपनी बात अदालत या प्रशासन तक नहीं पहुंचा पाई, उनके लिए मी टू पूरे समाज और व्यवस्था तक अपनी बात पहुंचाने का माध्यम बना है। सशक्त महिलाएं चुप्पी तोड़ रही हैं मगर अभी बदलाव आना बाकी है।

रवीना ने कहा कि महिलाओं को इसका सपोर्ट करना चाहिए। किसी को भी यह हक नहीं कि हमें वस्तु समझे। रवीना ने कहा कि मैं भी बेटी हूं और बेटियों की मां भी हूं। आज के समय में भी लड़कियों की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है, यह सोच ही मुझे झकझोर देती है। मातृ जैसी फिल्म मैंने इसी वजह से की।