इलाहाबाद : कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद आज सीएम योगी ने कहा, ”गंगा और यमुना दो पवित्र नदी के संगम का स्थल होने के नाते यहां सभी प्रयागों का राज है, इसलिए इलाहाबाद को प्रयागराज भी कहते हैं। अगर सबकी सहमति होगी तो प्रयागराज के रूप में हमें इस शहर को जानना चाहिये।” उन्होंने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलने के लिए संतों ने मांग की थी, जिस पर राज्यपाल सहमति जता रहे हैं। सीएम ने यह भी घोषणा की कि कुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु लिए अब संगम स्थित किले में अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन करना भी कर सकेंगे। पत्रकारों से बात करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस बार कुंभ का आयोजन भव्य और दिव्य होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार कुंभ के लिए बहुत से विकास कार्य किए जा रहे हैं। कुंभ का लोगो भी पहली बार जारी हुआ है। 445 परियोजनाओं पर काम चल रहा है, 88 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और दिसंबर तक काम पूरा कर लिया जाएगा।

सीएम योगी ने बताया कि कुंभ के दौरान सारे शौचालय जीरो डिस्चार्ज के बनेंगे। उन्होंने कहा कि गंगा की धारा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए यह काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेला 3200 हेक्टेयर में बसेगा, जिसके लिए 40 हजार से ज्यादा एलईडी लाइट लगेंगी। 80 हजार से ज्यादा कैम्प बनेंगे। 100 मिल्क बूथ और 200 वॉटर एटीएम लगेंगे। इसके अलावा 20 एटीएम लगाए जाएंगे। 34 मोबाइल टावर भी लगेंगे।

बता दें कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की मांग लंबे समय से चल रही है और इस दिशा में कवायद भी की जा रही है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने की बात रख चुके हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने एकबार बयान दिया था कि कुंभ के आयोजन से पहले इलाहाबाद का नाम बदला जाएगा। जुलाई में योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र लिखकर इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने में मदद मांगी थी।