नई दिल्ली: हरियाणा के स्वयंभू संत रामपाल को हत्या के दो मामलों में दोषी करार दिया गया। गुरुवार (11 अक्टूबर) को यह फैसला हिसार की सेंट्रल जेल के जज ने सतलोक आश्रम विवाद मामले में सुनाया, जबकि उसकी सजा पर फैसला 16 और 17 अक्टूबर को होगा। आपको बता दें कि 14 नवंबर 2014 को हाईकोर्ट ने रामपाल को एक मामले में पेश होने का आदेश दिया था। हाजिर न होने पर कोर्ट ने उसको पेश करने के आदेश दिए, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने सतलोक आश्रम से रामपाल को निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया था। तब रामपाल के अनुयायियों व पुलिस के बीच झड़प हुई थी। उस हिंसा में कुल छह लोग (पांच महिलाएं और एक बच्चा) मारे गए थे, जिसके बाद रामपाल गिरफ्तार कर लिया गया था।

कौन है संत रामपाल?: स्वयंभू रामपाल मूल रूप से सोनीपत में गोहाना तहसील के धनाना गांव का रहने वाला है। वह हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर रहा है। नौकरी के दिनों में वह एक बार 107 वर्षीय कबीरपंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज से मिला था, जिसके बाद वह उनका शिष्य बन गया। 1995 में नौकरी छोड़ सत्संग करने लगा। समय के साथ उसके अनुनायी भी बढ़े। एक महिला अनुनायी ने तो उसे करोंथा गांव में आश्रम बनाने के लिए जमीन तक दे दी थी। आगे 1999 में रामपाल ने बंदी छोड़ ट्रस्ट की मदद से सतलोक आश्रम की स्थापना की।