नई दिल्ली: रफाल फाइटर जेट करार पर मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। रफाल विमान की निर्माता फ्रेंच कंपनी दॉसो एविएशन के डिप्‍टी सीईओ का तकरीबन डेढ़ साल पुराना एक बयान सामने आया है। फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार, दॉसो के डिप्‍टी सीईओ लोइक सेगालेन ने मई, 2017 में नागपुर में रफाल विमान को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें कथित तौर पर उन्‍होंने कहा था कि लड़ाकू विमान का कांट्रैक्‍ट हासिल करने के लिए अनिल अंबानी की स्‍वामित्‍व वाली रिलायंस डिफेंस को सहयोगी बनाना अनिवार्य था। फ्रांस की न्‍यूज साइट ‘मीडियापार्ट’ ने इससे जुड़े दस्‍तावेज होने का भी दावा किया है। इसके मुताबिक, लोइक सेगालेन ने कहा था, ‘कांट्रैक्‍ट हासिल करने के लिए दॉसो एविएशन के लिए यह जरूरी और अनिवार्य कर दिया गया था कि इस कंपनी (रिलायंस डिफेंस) को ही सहयोगी के तौर पर स्‍वीकार किया जाए।’ इस खुलासे के बाद रफाल करार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला कर रहे कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने तीखा प्रहार किया है। उन्‍होंने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर न केवल इस करार को लेकर केंद्र पर हमला बोला है, बल्कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के अचानक से फ्रांस जाने पर भी सवाल उठाए हैं।