नई दिल्ली: गुजरात में उत्तर भारत के लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा और इस मामले में कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकोर पर लग रहे लोगों को भड़काने के आरोपों पर कांग्रेस ने कहा है कि ठाकोर समाज के लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए अल्पेश ने बयान दिया था लेकिन इस पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री डाली.

गुजरात से उत्तर भारत के लोगों के पलायन को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता और बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने एनडीटीवी से कहा है कि जिस बच्ची का रेप हुआ वह ठाकोर समाज की थी. ठाकोर समाज के लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए अल्पेश ने बयान दिया. लेकिन बाद में बीजेपी के ही कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर भड़काऊ चीज़ें डाल रहे हैं.

गोहिल ने कहा कि पुलिस सरकार के हाथ में है. अगर अल्पेश के खिलाफ सुबूत हैं तो डालिए जेल में. उन्होंने कहा कि बिहार-गुजरात का पुराना नाता है. अल्पेश से राहुल जी ने बात की है. हम लोगों को बांटने की राजनीति नहीं करते हैं.

इधर केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस पर देश को बांटने के अभियान में शामिल होने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से उनकी पार्टी के विधायक अल्पेश ठाकोर के कथित घृणा अभियान पर रुख साफ करने और ठाकोर को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की.

प्रकाश जावड़ेकर ने अपने ट्वीट में कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर पर घृणा अभियान चलाने का आरोप लगाया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से ठाकोर को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की. जावड़ेकर ने कहा, राहुल गांधी को नागरिकों के खिलाफ अल्पेश ठाकोर के कथित घृणा अभियान पर कांग्रेस का रुख स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष को घृणा अभियान चलाने के लिये पार्टी विधायक अल्पेश ठाकोर को निष्कासित करना चाहिए.

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारा लगाने वालों के साथ खड़ी थी और अब वह भारत को बांटने के अभियान को लागू करने में लगी है.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हुए हमलों की पृष्ठभूमि में मंगलवार को केंद्र एवं गुजरात सरकार की नीतियों की आलोचना की और कहा कि प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से कार्रवाई की जाए.

गौरतलब है कि गत 28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 महीने की एक बच्ची के साथ कथित बलात्कार के बाद छह जिलों में हिंदी भाषी लोगों पर हमलों की कई घटनाएं हुई हैं.