नई दिल्ली: तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने तमिलनाडु शिक्षा सचिव के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर सूचित किया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टुडेंट्स यूनियन (DUSU) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अंकिव बसोया तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी में कभी इनरोल ही नहीं हुए.

इस पत्र में उन्होंने लिखा, 'मैं बताना चाहता हूं कि अंकिव बसोया ने हमारी यूनिवर्सिटी या यूनिवर्सिटी से जुड़े किसी भी कॉलेज में कभी दाखिला नहीं लिया और न ही हमारे छात्र रहे हैं. उनकी तरफ से पेश सर्टिफिकेट नकली है. वह हमारे विश्वविद्यालय की तरफ से जारी नहीं किया गया. परीक्षा नियंत्रक ने भी एक पत्र जारी कर बताया है कि परीक्षा कार्यालय के नियंत्रक के रिकॉर्ड्स के मुआयने के बाद पाया गया कि उनका सर्टिफिकेट सही नहीं है.'

विश्वविद्यालय के सूत्रों ने कहा कि जांच में 72 फर्जी प्रमाणपत्र पाए गए थे, जिसे लेकर शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. यह मामला तब सामने तब आया जब कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी से बसोया की मार्कशीट की एक तस्वीर जारी करते हुए दावा किया कि यह नकली है.

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को 7 सितंबर को लिखे एक पत्र में परीक्षा नियंत्रक ने कहा, 'यह सूचित किया जाता है कि निम्नलिखित उम्मीदवार के प्रमाण पत्र की प्रति सत्यापित कर ली गई है और पाया गया है कि प्रस्तुत प्रमाणपत्र वास्तविक नहीं है. यह एक जाली प्रमाणपत्र है.'

बता दें कि बसोया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के एमए प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की स्नातक डिग्री पेश की थी, लेकिन इस विवाद के सामने आने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े DUSU अध्यक्ष बसोया ने नेशनल स्टुडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है.