भारत में 20,500 से अधिक लोग सिर पर मैला ढोने के काम में लगे हुए हैं। इनमें से करीब 6000 लोग उत्तर प्रदेश में हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 18 राज्यों में किये गये सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले सर्वेक्षण में देश में 13,770 लोगों के सिर पर मैला ढोने के काम में लगे होने का अनुमान लगाया गया था। यह सर्वेक्षण 2014-17 के दौरान किया गया था और राज्यों ने आंकड़े उपलब्ध कराये थे। गुजरात, केरल, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों ने अपने यहां सिर पर मैला ढ़ोने के काम में किसी के भी लगे होने से इनकार किया था लेकिन नवीनतम सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि इन राज्यों में सिर पर मैला ढोने की प्रथा जारी है।
अधिकारियों के अनुसार नवीनतम सर्वेक्षण फरवरी में शुरु हुआ था और अब भी यह जारी है। इसमें 18 राज्यों के 170 जिले शामिल होंगे। नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कोरपोरेशन (एनएसकेएफडीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नवीनतम सर्वेक्षण में 18 राज्यों में सिर पर मैला ढोने वाले 20,596 लोगों की पहचान की गयी है। उत्तर प्रदेश में ऐसे 6,126 महाराष्ट्र में ऐसे 5,269 तथा कर्नाटक में ऐसे 1744लोग हैं।
‘सीवरों और सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई की रोकथाम पर अखिल भारतीय कार्यशाला’ में इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर चर्चा हुई। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष समारोह के तहत इस कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस संदर्भ में मंत्रालय की गतिविधियों में मैला ढोने वालों का सर्वेक्षण और उनका पुनर्वास भी शामिल है। इस प्रथा पर कानून के अनुसार पाबंदी है।
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