लखनऊ: लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड को लेकर अब पोस्टर जंग छिड़ गई है। पहले आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ पोस्टर नजर आ रहे थे, अब आरोपियों के समर्थन में भी पोस्टरबाजी देखी जा रही है। पोस्टर जंग के लिए सोशल मीडिया का टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्विटर पर एक तस्वीर आई है जिसमें एक बच्ची के हाथों में हाथ से लिखा एक प्लेकार्ड थमाया गया है। बच्ची के बगल में एक पुलिसवाला नजर आ रहा है। प्लेकार्ड में लिखा गया है, ”गाड़ी वाले अंकल पापा गाड़ी रोकें तो रोक लेना, प्लीज उन्हें कुचल मत देना।” इससे पहले आरोपियों के खिलाफ आक्रोश जाहिर करने के लिए यूपी और सोशल मीडिया में जो पोस्टर वायरल हुआ था, उसमें लिखा था, ”पुलिस अंकल, आप गाड़ी रोकेंगे तो पापा रुक जाएंगे, प्लीज गोली मत मारिएगा।” वाराणसी में कई कारों पर इन पोस्टरों को लगा देखा गया। कुछ बच्चों ने सामूहिक तौर पर पोस्टरों को हाथ में लेकर तस्वीरें खिंचवाई थीं। आरोपी पुलिसवालों की तरफ से सफाई दी जा रही है कि उन्होंने आत्मरक्षा में विवेक तिवारी पर गोली चलाई थी।

बता दें कि शुक्रवार की देर रात लखनऊ के गोमतीनगर में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर अपनी सहकर्मी सना को कथित तौर पर गाड़ी से उनके घर छोड़ने जा रहे थे तभी दो कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी और संदीप ने कथित तौर पर उन्हें गाड़ी रोकने के लिए कहा। इस दौरान गाड़ी न रोके जाने और पुलिस की बाइक में कार से टक्कर लगने पर एक पुलिसवाले ने कथित तौर पर सामने से विवेक तिवारी को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई। घटना के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। शासन और प्रशासन की तरफ से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया जा रहा है। मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम बनाई गई है। मृतक के घरवालों ने सरकार से गुहार लगाई है कि आरोपियों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए और बच्चों के भविष्य को देखते हुए उचित मुआवजा मुहैया कराया जाए।

सोमवार को ऐसी खबरें भी आईं कि आरोपी सिपाहियों के घरवाले उन्हें बचाने के लिए व्हॉट्सऐप समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सहारा लेकर चंदा बटोर रहे हैं। सोशल मीडिया पर आरोपी सिपाही की पत्नी की बैंक खाते की जानकारी को वायरल किया जा रहा है, जिसमें पैसा जमा करने के स्क्रीनशॉट शामिल हैं। सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक के परिवार से मुलाकात कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।