भोपाल: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को विधानसभा चुनाव से पहले तगड़ा झटका लगा है। सोमवार (एक अक्टूबर) को कंप्यूटर बाबा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मंत्री तो बना दिया। मगर राज्य में किसी प्रकार का काम नहीं करने दिया। न ही उन्हें अपनी आवाज बुलंद करने दी गई। बाबा का आरोप है कि सीएम धर्म का काम नहीं करना चाहते हैं।

मंत्री पद छोड़ने के बाद वह बोले, “हमारी व्यवस्था में सारे संत एक जगह बैठते हैं और चीजों पर फैसले लेते हैं। वे कहते हैं कि मैं शिवराज सरकार में कुछ कर नहीं पाया। मुझे लगता है कि वे सही हैं। मुझे ऐसा लगा कि शिवराज धर्म के ठीक विपरीत हैं और वह धर्म का काम नहीं करना चाहते हैं, लिहाजा मैंने इस्तीफा दे दिया।”

बकौल कंप्यूटर बाबा, “मैंने गाय, अवैध खनन के मसले पर चर्चा करना चाही, पर मुझे उसकी अनुमति नहीं दी गई। मैं सरकार के समक्ष साधुओं के विचार भी नहीं रख सका, लिहाजा मैं इस तरह की सरकार का हिस्सा बनकर नहीं रहना चाहता हूं।”

राजनीतिक जानकारों की मानें तो बाबा का इस्तीफा बीजेपी के लिए किसी झटके से कम नहीं हैं। कारण- साल के अंत में चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिनमें मध्य प्रदेश का नाम भी है। ऐसे में आने वाले समय में बाबा का पार्टी से छिटकना बीजेपी के वोटों की संख्या प्रभावित कर सकता है।

आपको बता दें कि विस चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने पांच हिंदू संतों को मंत्रिमंडल में जगह दी थी। सभी को राज्‍य मंत्री का दर्जा मिला था। शिवराज ने इनमें कंप्‍यूटर बाबा, भैय्यूजी महाराज, नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी और पंडित योगेन्‍द्र महंत को राज्य मंत्री बनाया था। ये सभी नर्मदा संरक्षण समिति के सदस्‍य भी चुने गए थे। पर पांचों में सबसे रोचक प्रोफाइल है, स्‍वामी नामदेव त्‍यागी उर्फ कंप्‍यूटर बाबा की।

कंप्‍यूटर बाबा इससे पहले शिवराज सरकार के खिलाफ ‘नर्मदा घोटाला यात्रा’ निकालने का ऐलान कर चुके थे। हालांकि, बाद में उन्‍होंने बिना कोई कारण बताए उसे टाल दिया। कंप्‍यूटर बाबा इससे पहले शिवराज सरकार के खिलाफ ‘नर्मदा घोटाला यात्रा’ निकालने का ऐलान कर चुके थे। हालांकि, बाद में उन्‍होंने बिना कोई कारण बताए उसे टाल दिया।

नामदेव, कंप्‍यूटर जितना तेज दिमाग और शानदार याद्दाश्‍त होने का दावा करते हैं। बाबा को लैपटॉप से खासा प्रेम है और उनके पास वाई-फाई डोंगल, मोबाइल फोन व अन्य लेटेस्‍ट गैजेट्स भी रहते हैं। वह दिगंबर अखाड़े जुड़े हैं। इंदौर के अहिल्‍या नगर में उनका भव्‍य आश्रम है। मीडिया रिपोर्ट्स में बाबा के हवाले से कहा गया, “हम कंप्‍यूटर युग में हैं तो इससे दूर कैसे रह सकते हैं।” बाबा के अनुसार, वह अपने लैपटॉप में कई जरूरी जानकारियां रखते हैं। साथ ही भक्‍तों से सोशल मीडिया के जरिए संपर्क भी बनाए रखते हैं।