लखनऊ: प्रौढ़ और बुजुर्गों को ही नहीं, इस मोबाइल युग में भी बाल और यवा पुस्तक प्रेमियों को किताबें राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल लान में चल रहा सोलहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला अपनी ओर खींच रहा है। यहां जिंदगी की कश्मकश को सुलझाने की राह दिखाने, नये संदेश वाली किताबों का अथाह भण्डार है। साथ ही यहां लगभग लुप्त हो चुकी शब्दभेदी बाण जैसी कला के दर्शन का आनन्द भी लोगों को साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों के मध्य मिल रहा है। मेले में कल शाम खिलाड़ी सुधा सिंह प्रदेश गौरव सम्मान से नवाजी जायेंगी।

दि फेडरेशन आॅफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली के सहयोग से हो रहे के.टी.फाउण्डेशन व फोर्सवन के इस आयोजन में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की थीम पर आधारित और पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी, गीतकार नीरज व मुनि तरुणसागर को समर्पित निःशुल्क प्रवेश वाले मेले में न्यूनतम 10 फीसदी की छूट हर पुस्तक पर उपलब्ध है। मेला यहां रोज सुबह 11 से रात नौ बजे तक चलेगा।

वाणी प्रकाशन के स्टाल पर अशोक चक्रधर की नई मदारीपुर जंक्शन किताब से अलग दिलीपकुमार पर आत्मकथात्मक पुस्तक का हिन्दी अनुवाद का नया संस्करण वजूद और परछाई शीर्षक से उपलब्ध है। वहीं सुनीता बुद्धिराजा की रसराज पंडित जसराज जैसी कई किताबें एकदम नई हैं। साईं इंटरनेशनल के स्टाल पर मास्टरिंग थ्रीडी एनीमेशन, एनीमेटेड पर्फामेंस जैसी पुस्तकें नौजवान जरूर उलट-पलट के देख रहे हैं। गौतम बुक के स्टाल पर बौद्ध व अन्य विषयों की बीसियों नई किताबों के बीच डा.अम्बेडरकर की दि प्राब्लम आफ रुपी, रिव्यूल्यूशन एण्ड काउण्टर रिव्यूल्यूशन के संग ही कबीर एण्ड कबीर पंथ में लोग दिलचस्वी दिखा रहे हैं। प्रभात प्रकाशन के स्टाल पर दो सौ से ज्यादा नई किताबें पुस्तक प्रेमियों को ताजगी का अहसास करा रही है। सभरवाल बुक के स्टाल पर ज्वलंत विषयों पर अंग्रेजी की किताबें अलग वर्ग को भा रही हैं। मेला शिक्षकों और स्कूलों को भी आकर्षित कर रहा है। आज यहीं एसकेडी एकेडमी जैसे कई स्कूलो के कर्मी विद्यालय उपयोग की सामग्री खरीदते देखे गये। संयोजक मनोज चंदेल ने बताया कि स्कूलों के बच्चे भी शिक्षकों के साथ मेला भ्रमण पर लगभग रोज ही आ रहे हैं। मेले में उर्दू शिक्षा की कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं।

मेले के गांधी बाल एवं युवा मंच पर ज्योतिकिरन रतन के संयोजन में आज विविध आयोजन हुए। यहां डांस, काव्यपाठ और गायन प्रतियोगिता में प्रसिद्ध ने गांधी तेरे देश में… जैसा गीत गाया तो रुद्र कला अकादमी की समूह डाण्डिया व अन्य नृत्य की प्रस्तुतियां आकर्षक रही। प्रतियोगिताओं में अंकिता, तनिष्का, उदिशा, मनस्वी, चिन्मय, लक्ष्य, स्तुति जैन, अंशुमान, मानवी, गुरकीरत, जाह्नवी, आद्रिका, अमोघ, शुभि, संस्कृति आदि अनेक बच्चों ने भाग लिया।

आज के साहित्यिक आयोजनों में आलोककुमार दुबे के पहले कथा संग्रह मकड़जाल का लोकार्पण रचनाकार सुधाकर अदीब, संजीव जायसवाल व डा.अमिता दुबे आदि विद्धानों की मंच पर उपस्थिति में हुआ। वक्ताओं ने कथाकार के विषयों और लेखन शैली की भरपूर सराहना की। इससे पहले राधेमोहन के गाए- प्रभु आपकी कृपा से सब काम हो रहा है जैसे भजनों से प्रारम्भ वैदिक साहित्य केन्द्र व आर्य प्रतिनिधि सभा के आयोजन में जहां पहले सत्र में नवनीत निगम, धीरज सिंह, जीके सक्सेना, अजयदत्त शर्मा, रमेशचन्द्र त्रिपाठी ने प्रदूषण पर चिंता जताते हुए अग्निहोत्र यज्ञ करने के तरीके और वातावरण शुद्ध करने के फायदों को गिनाया। धनुर्धर पंडित जुगलकिशोर ने यहां आंखों पर पट्टी बांधकर एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने के साथ आंखों पर पट्टी बांध शब्दभेदी बाण चलाकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया। उन्होंने बताया कि हरिद्वार के गुरुकुलों सहित देश के कई गुरुकुलों में चल रहे प्रशिक्षणों में शामिल होते हैं। शाम को मंच पर सहज योग कार्यक्रम हुआ तो अंत में स्वरा के संग ही अन्य बाल नृत्य-संगीत प्रस्तुतियों ने दर्शकों की खूब वाहवाही पाई।