लखनऊ: “उत्तर प्रदेश में ईसाईयों की गिरफ्तारियां एवं हमले निंदनीय” यह बात आज एस.आर.दारापुरी, पूर्व आई जी एवं संयोजक जन मंच उत्तर प्रदेश ने प्रेस को जारी ब्यान में कही है. उन्होंने आगे कहा है कि जनपद जौनपुर में पादरियों की आतंकवादियों की तरह आधी रत को गिरफ्तारियां की जा रही हैं. चर्च जाने वालों को चर्च जाने से रोका जा रहा है तथा बिना किसी कारण चर्च सर्विस चलाने पर रोक लगाई जा रही है. यह सारी कार्रवाही पुलिस द्वारा साम्प्रदायिक तत्वों के साथ मिल कर ईसाईयों को अतान्त्कित करने के लिए की जा रही है.

श्री दारापुरी ने आगे कहा है कि इसी माह में अब तक जौनपुर पुलिस द्वारा ईसाई पादरियों एवं कार्यकर्तायों की गिरफ्तारियों की 12 घटनाएँ हो चुकी हैं जिनमें आधी आधी रात को पादरियों की गिरफ्तारियां उन द्वारा धोखे से धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में की गयी हैं. चर्च को जाने वाली सड़कों की नाकाबंदी कर दी गयी है. पुलिस द्वारा लोगों को चर्च में जाने से रोका जा रहा है तथा उन्हें वापस घर लौटाया जा रहा है. दूसरे पादरी जो गिरफ्तार नहीं हुए हैं उन्हें गिरफ्तारी की धमकियांदी जा रही हैं और उन्हें चर्च में सर्विस नहीं करने दी जा रही है. यह गिरफ्तारियां ज़ी न्यूज़ तथा दैनिक जागरण जैसे साम्प्रदायिक चेनल तथा समाचार पत्र की धोखे तथा लालच से धर्म परिवर्तन कराने की झूठी अफवाहें उड़ाने के आधार पर की जा रही हैं. इसके विपरीत ग्रामीण लोगों ने चेनल पर कहा है कि वे स्वेच्छा से ईसा मसीह को मानने लगे हैं. उन्हें न तो कोई लालच दिया गया है और न ही उनके साथ कोई धोखा किया गया है.

अब तक जौनपुर में ईसाईयों पर हमले की प्रमुख घटनाएँ निम्नवत हैं: (1) 5 सितम्बर को पास्टर दुर्गा प्रसाद की 270 लोगों के साथ गिरफ्तारी, (2) 13 सितम्बर को पादरी रविन्द्र तथा उनके साथियों पर कुछ शरारती तत्वों द्वारा चर्च में हमला किया गया और उन्हें वहां से भागना पड़ा, पादरी राम मिलन को प्रधान द्वारा पीटा गया, पादरी राम रतन तथा थामस युसूफ को प्रेयर से गिरफ्तार किया गया, उसी दिन पादरी गुलाब चंद तथा 3 अन्य लोगों को चर्च से गिरफ्तार किया गया तथा उन्हें 14 सितम्बर को छोड़ा गया,(3) 11 सितम्बर को पादरी राजेन्द्र चौहान तथा रत्नेश कुमार, मनोज कुमार चौहान, जिया लाल तथा 3 अन्य को गिरफ्तार करके 14 तारीख को छोड़ा गया. (4). 16 सितम्बर को पुलिस द्वारा भूलनडीह चर्च को जाने वाली सभी सड़कें ब्लाक कर दी गयीं तथा रविवार को चर्च जाने वालों को घरों को वापस भेज दिया गया. चर्च से जुड़े दीपक, राहुल, चंदर भूषण, राजेन्द्र, तथा वीरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 19 सितम्बर को छोड़ा गया. उसी दिन पुलिस द्वारा पादरी अनिल कुमार, प्र्दुम्मान, दीपक कुमार, मोनू तथा रविन्द्र को चर्च से सर्विस के दौरान गिरफ्तार किया गया तथा उन्हें 18 सितम्बर को छोड़ा गया. (5) 23 सितम्बर को पादरी छबिलाल को गिरफ्तार किया गया. उसी दिन पुलिस की मौजूदगी में एक भीड़ द्वारा चर्च में प्रवेश करके सन्डे सर्विस को भंग किया गया. पुलिस ने पास्टर अशोक कुमार तथा 3 अन्य को गिरफ्तार करके बाद में छोड़ दिया. (6) 24 सितम्बर को पुलिस ने पास्टर नन्हें लाल को चर्च बंद करने के लिया बाध्य किया.

उपरोक्त घटनाओं से स्पष्ट है कि जौनपुर में चर्च विरोधी तत्वों द्वारा चर्चों पर हमले किये जा रहे हैं और पुलिस उनका पूरी तरह से साथ देकर ईसाई समुदाय का उत्पीडन कर रही है. जन मंच सरकारी तौर पर ईसाईयों के उत्पीडन की कड़ी निंदा करता है और मुख्यमंत्री जी से इसे रोकने का अनुरोध करता है. अगर सरकार ईसाईयों के उत्पीडन को तुरंत नहीं रोकती तो जन मंच अन्य धर्म निरपेक्ष एवं मानवाधिकार संगठनों को लेकर जन आन्दोलन करेगा.