नई दिल्ली : भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा लंदन की अदालत में दिए बयान के बाद भारत की राजनीति में भूचाल मच गया है. विजय माल्या ने वेस्टमिंस्टर की कोर्ट में कहा कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और बैंकों से लिए कर्ज के सेटलमेंट की बात कही थी. इस बयान के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर कड़ा हमला बोला है. कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि वह इस मुद्दे पर जनता के सामने आकर अपना पक्ष रखे. कांग्रेस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस्तीफा देने की मांग की.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लंदन में विजय माल्या द्वारा किए गए दावे को लेकर प्रधानमंत्री को स्वतंत्र जांच के आदेश देने चाहिए. उन्होंने अपने एक ट्वीट संदेश में कहा, 'आज लंदन में विजय माल्या के बेहद गंभीर आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री को इस मामले में तुरंत स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए. जब तक जांच चले अरुण जेटली को वित्त मंत्री का पद छोड़ देना चाहिए.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि विजय माल्या एक सांसद थे और माल्या के सांसद बनने के पीछे अरुण जेटली की पार्टी की अहम भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि अगर माल्या ने वित्त मंत्री के सामने कोई प्रस्ताव भी रखा था तो उस बात को वित्त मंत्री के सामने सभी के सामने रखना चाहिए था. और माल्या को बताना चाहिए था कि यह हमें (सरकार को) तय करने दें कि इस मामले को कैसे आगे ले जाना है. सलमान खुर्शीद ने कहा कि ये वे तथ्य हैं जो एक ऐसा व्यक्ति दे रहा है, जो इस समय देश में नहीं है.

कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि विजय माल्या हमारे देश के बैंकों को लूट कर भाग गया. सरकार को इसकी जानकारी थी. इसलिए जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में माल्या के मुद्दे पर बयान दिया तो उन्हें इस मुलाकात के बारे में संसद को बताना चाहिए था. इस बारे में अब अरुण जेटली ही बता सकते हैं कि उन्होंने इस मुलाकात के बारे में किसी को क्यों नहीं बताया.

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल किया कि माल्या के बारे में सब कुछ पता होने के बावजूद उसे देश के बाहर क्यों जाने दिया गया? उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस बार-बार कहती आ रही है माल्या, नीरव मोदी और कई अन्य लोगों को जानबूझकर बाहर जाने दिया गया. माल्या ने जो कहा है उस पर वित्त मंत्री की तरफ से और स्पष्ट एवं विस्तृत जवाब आना चाहिए.’

सिंघवी ने कहा, ‘‘माल्या ने दो चीजे कही हैं. पहली कि उसने वित्त मंत्री से व्यवस्थित ढंग से मुलाकात की थी और दूसरी यह कि उसने मामले को सुलझाने की पेशकश की थी. इस मामले का पूरा खुलासा होना चाहिए. व्यापक स्पष्टीकरण आना चाहिए और व्यापक जांच होनी चाहिए.’

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘जब बैंकों को मालूम था, वित्त मंत्रालय को मालूम था, पूरी सरकार को मालूम था और माननीय प्रधानमंत्री को मालूम था कि माल्या पर इतना बड़ा कर्ज बकाया है. ऐसे में उसे देश से बाहर क्यों जाने दिया गया. यह बुनियादी सवाल है जिसका उत्तर पूरा देश जानना चाहता है.’