नई दिल्ली: शिकागो में 7 से 9 सितंबर तक तीन दिवसीय वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस (डब्ल्यूएचसी) का आयोजन किया गया। इसमें 80 देशों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की बात कही जा रही है। इस कार्यक्रम में उस समय अजीबोगरीब पैदा हो गई, जब सम्मेलन को संबोधित करने मंच पर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ कुछ लोग नारे लगाने लगे। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शनकारियों की पिटाई कर दी। बाद में पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले गई। प्रदर्शन करने वालों में पांच महिला व एक पुरुष शामिल थे। वे सभी अपने आप को शिकागो साउथ एशियंस फॉर जस्टिस समूह के सदस्य बता रहे थे। ये खुद को अमेरिका, भारत और दुनिया के अन्य देशों में फांसीवाद के उदय का विरोध करने वाले बताते हैं।

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार की रात शिकागो के होटल में विश्व हिंदू कांग्रेस के कार्यक्रम के दौरान 21 वर्षीय यूनिवर्सिटी छात्रा और उसके पांच साथी हंगामा करने के मकसद से आए थे। वे सभी दर्शकों के बीच बैठे हुए थे। वे जानते थे कि जब संघ प्रमुख मोहन भगावत के खिलाफ वे नारे लगाएंगे तो उनके आसपास के लोग गुस्सा हो जाएंगे। लेकिन उन्होंने शायद इसकी कल्पना नहीं की थी कि वहां मौजूद लोग उनके साथ हिंसक व्यवहार करेंगे। कार्यक्रम स्थल पर सभी प्रदर्शनकारी दो अलग-अगल जगहों पर बैठ गए थे। एक तरफ दो लोग बैठे, जिन्होंने ‘आरएसएस वापस जाओ’ के नारे लगाए। इसके बाद दूसरी ओर बैठे चार लोगों ने ‘हम इस देश में तुम्हें नहीं देखना चाहते’ के नारे लगाए। उन्होंने ‘हिंदू फांसीवाद रोको’ लिखे बैनर भी फेंकने की कोशिश की। लेकिन नारा लगने के कुछ ही देर बाद वहां मौजूद दर्शकों ने उनकी बुरी तरह पिटाई कर दी।

रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद छात्रा ने बताया कि, “आज तक मेरे उपर कभी इतने लोगों ने हाथ नहीं लगाया। हम वहां मौजूद लोगों द्वारा किए गए हिंसक व्यवहार को देख आश्चर्यचकित रह गए। एक आदमी मेरा गला दबाने की कोशिश कर रहा था।” एक 26 साल की महिला जो प्रदर्शनकारियों में शमिल थी, ने बताया कि, “मेरे उपर कुर्सी फेंका गया और चेहरे पर मुक्के मारे गए। वहां मौजूद लोगों ने मुझे अपशब्द कहे। जब पुलिस हथकड़ी लगा उसे ले जा रही थी तो एक आदमी आया और मेरे चेहरे पर थूक दिया।” इन सभी प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहती हैं। पहचान उजागर होने के बाद उनकी जान को खतरा हो सकता है। घटना के बाद शिकागो साउथ एशियन फॉर जस्टिस ने रविवार को बयान जारी कर कहा, “भीड़ की हिंसक प्रतिक्रिया ने विश्व हिंदू कांग्रेस और हिंदुत्व विचारधारा के फांसीवादी चेहरे को उजागर कर दिया।”

बता दें कि इस कार्यक्रम में मोहन भागवत के अलावा अन्य प्रमुख वक्ताओं में दलाई लामा, श्री श्री रविशंकर, अश्विन अधिन (सूरीनाम के उपराष्ट्रपति), आरएसएस के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसाबले, अभिनेता अनुपम खेर, एनआईटीआई अयोध अरविंद पानगारीय, महिंद्र ग्रुप के अध्यक्ष दिलिप सुंदरम, वालमार्ट के डेनियल ब्रेयन्ट, फेडरल एक्सप्रेस से राजेश सुंदरम और इमरसॉन इलेक्ट्रिक से इड मॉनसर उपस्थित रहे।