लखनऊः शिक्षक दिवस के अवसर पर लोक भवन में आज ‘राज्य अध्यापक पुरस्कार समारोह’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा के 3 शिक्षकों को ‘सरस्वती सम्मान 2018’ से सम्मानित किया गया जिसमें पुरस्कार स्वरूप रूपये 3 लाख प्रति शिक्षक, प्रशस्ति पत्र, सरस्वती प्रतिमा एवं अंग वस्त्र प्रदान किया गया। उच्च शिक्षा के 6 शिक्षकों को ‘शिक्षकश्री सम्मान 2018’ से सम्मानित किया गया जिसमें रूपये 1,50 लाख प्रति शिक्षक, प्रशस्ति पत्र, सरस्वती प्रतिमा एवं अंग वस्त्र प्रदान किया गया। माध्यमिक शिक्षा के 8 शिक्षकों तथा प्रारम्भिक शिक्षा के 17 शिक्षकों को ‘राज्य पुरस्कार 2017’ से सम्मानित किया गया जिसके अंतर्गत प्रति शिक्षक रूपये 25,000 की धनराशि, प्रशस्ति पत्र, सरस्वती प्रतिमा एवं अंग वस्त्र प्रदान किये गये। सम्मान समारोह में उच्च, माध्यमिक तथा प्रारम्भिक शिक्षा के कुल 34 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, खेल मंत्री चेतन चौहान , राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रारम्भिक शिक्षा अनुपमा जायसवाल, राज्यमंत्री शिक्षा संदीप सिंह, गन्ना राज्य मंत्री सुरेश राणा, अपर मुख्य सचिव उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा श्री संजय अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव प्रारम्भिक शिक्षा डाॅ0 प्रभात कुमार व शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण, शिक्षकगण आदि उपस्थित थे।

राज्यपाल ने सम्मान प्राप्त शिक्षकों को बधाई देते हुये कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर समस्त शिक्षक शिक्षा क्षेत्र को सर्वोत्तम बनाने का संकल्प करें। संकल्प सिद्धि के लिये शिक्षकों को केवल शिक्षक ही न रहकर उससे आगे बढ़कर नई भूमिका निभानी होगी। शिक्षक ऐसा आदर्श उदाहरण बनें जिससे भावी पीढ़ी अनुप्राणित हो। युवा पीढ़ी को गुणवत्तायुक्त शिक्षा, बौद्धिक क्षमता और दक्षता देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिये शिक्षकों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। शिक्षा क्षेत्र में हो रही प्रगति को और गतिमान करने की जरूरत है। डाॅ0 राधाकृष्णन को नमन करते हुये राज्यपाल ने कहा कि डाॅ0 कृष्णन ने विभिन्न भूमिकाओं में अपना योगदान दिया। वे उप राष्ट्रपति, राष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी रहे। पर उनकी विशेषता है कि वे शिक्षक रहे और उन्होंने शिक्षा दान का पवित्र काम किया। राज्यपाल ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्होंने डाॅ0 राधाकृष्णन को देखा और सुना भी है। राज्यपाल ने बताया कि उनका शिक्षा से पुराना संबंध रहा है। उनके पिता, भाई, भाभी और पत्नी भी शिक्षक थे। उन्होंने माहौल को हल्का करते हुये कहा कि अपने परिवार में वे अकेले हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में न होते हुये भी 28 राज्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है। 28 विश्वविद्यालयों से 26 के दीक्षान्त समारोह का कलैण्डर घोषित हो चुका है। 24 अगस्त से शुरू हुये दीक्षान्त समारोह 15 नवम्बर तक पूरे हो जायेंगे। उच्च शिक्षा में छात्राओं की संख्या दिनोदिन बढ़ रही है। गत वर्ष के दीक्षान्त समारोह में 51 प्रतिशत उपाधियां छात्राओं को मिली थी तथा 66 प्रतिशत स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक बेटियांे ने प्राप्त किए थे। इस वर्ष ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली के दीक्षान्त समारोह में 1,45,532 उपाधियाँ में 59 प्रतिशत उपाधियाँ छात्राओं को प्राप्त हुई है जबकि 74 प्रतिशत पदक छात्राओं ने प्राप्त किए हैं। 12 अक्टूबर को होने वाले डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह से संबंधित प्रकाशित समाचार के अनुसार कुल पदकों के 73 प्रतिशत पदक छात्राओं ने प्राप्त किये हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का ‘सर्व शिक्षा अभियान‘ तथा वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का परिणाम साफ दिख रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई देते हुये कहा कि शिक्षक राष्ट्र के विधाता हैं। शिक्षक स्वयं को डाॅ0 राधाकृष्णन के अनुरूप ढालने का प्रयास करें।
उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि गुरू के माध्यम से जीवन में संस्कार मिलते हैं। डाॅ0 राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 17 माह के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में सफल परिवर्तन हुआ है। राज्यपाल के नेतृत्व में उच्च शिक्षा नई ऊंचाईयों तक पहुंची है।