मुंबई: नोटबंदी को लेकर आई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने केंद्र सरकार के फैसले पर बड़ा हमला बोला है। शिवसेना ने नोटबंदी को अपराध बताया है। साथ ही संसद में इस मसले पर बहस की मांग उठाई है। पार्टी नेता संजय राऊत ने गुरुवार को इस बारे में एएनआई से बात की। उन्होंने बताया, “नोटबंदी पर आरबीआई की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। बैंकों के बाहर तब लाइन में लगे कई लोगों की तब जान भी चली गई थी। यह एक बड़ा अपराध है। हम इस रिपोर्ट पर संसद में बहस की मांग करते हैं।”

आरबीआई ने यह रिपोर्ट नोटबंदी के लगभग दो साल बाद जारी की। बुधवार (29 अगस्त) को आरबीआई ने कहा कि चलन से बाहर हुए 500 व 1,000 के नोट गिने जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया, “बंद हुए 99.3 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ गए। नोटबंदी के वक्त मूल्य के हिसाब से 500 और 1,000 रुपए के 15.41 लाख करोड़ रुपए के नोट चलन में थे, जिसमें 15.31 लाख करोड़ रुपए के नोट बैंकों में लौट आए।

आपको बता दें कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के ऐलान से पहले 15.41 लाख करोड़ रुपए के 500 और 1000 रुपए के नोट चलन में थे। आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में बताया गया कि 15.31 लाख करोड़ रुपए के नोट वापस आ गए। बैंक का यह भी कहना है, “बैंक विशेष के नोटों (SBNs) के वेरीफिकेशन और प्रोसेसिंग का चुनौतीपूर्ण काम सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।”

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था निवेश और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तेजी के चलते वित्तीय वर्ष के अंत तक ‘लचीली’ हुई। सर्वोच्च बैंक को उम्मीद है कि अब बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ में वृद्धि होगी। बैंक ने इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सफलता पर भी मुहर लगाई। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रत्यक्ष कर संरचना को प्रभावी बनाने की दिशा में जीएसटी लागू होना मील का पत्थर साबित हुआ है।