नई दिल्ली : केरल में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. राज्य में अब तक मौसम के कोप से 370 लोगों के मारे जाने के समाचार हैं. फिलहाल दो दिनों से बारिश नहीं होने से बाढ़ के हालात स्थिर रहने की संभावना है, लेकिन अब इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ का पानी कम होने से हजारों परिवारों को राहत मिली है, लेकिन राहत शिविरों में रह रहे 7 लाख से अधिक लोगों में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है.

8 अगस्त से केरल भायनक बाढ़ के हालात का सामना कर रहा है. केरल में 8 से 15 अगस्त के बीच सामान्य मॉनसून के मुकाबले 250 फीसदी अधिक बारिश हुई है. बारिश के कारण 35 बांधों के दरवाजे खोलने पड़े. बांध खोलने से नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार गया.

बताया जा रहा है कि केरल में यह इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है. बाढ़ और भूस्खलन से बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं. हजारों घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं. लाखों करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है. मॉनसून के कहर के कारण केरल का पर्यटन उद्योग भी बुरी तरह चौपट हो गया है.

बाढ़ प्रभावित इलाकों में नौकाओं और हेलीकॉप्टरों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. बाढ़ में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. इस समय करीब 7 लाख परिवार राहत शिविरों में पनाह लिए हुए हैं.

केरल स्वास्थ्य विभाग में आपदा प्रबंधन की अगुवाई कर रहे अनिल वासुदेवन ने बताया कि तिरुवनंतपुरम से लगभग 250 किमी दूर अलुवा शहर में राहत शिविरों में से चिकनपॉक्स के तीन मामले सामने आए हैं. इन मरीजों को राहत शिविरों से हटा कर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. वासुदेवन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग जलजनित और हवा से फैलने वाली बीमारियों से लड़ने की पूरी तैयारी में है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने बाढ़ प्रभावित केरल में किसी तरह की महामारी को रोकने के लिए 3,757 मेडिकल शिविर लगाए हैं. बाढ़ का पानी घटने के साथ माहौल संक्रामक बीमारियों के अनुकूल हो जाएगा. राज्य को दैनिक निगरानी के लिए कहा गया है जिससे किसी भी प्रकोप के शुरुआती संकेतों का पता लगाया जा सके.

संक्रामक बीमारियों, उनकी रोकथाम व नियंत्रण, सुरक्षित पेयजल, सफाई के कदम, वेक्टर नियंत्रण व अन्य चीजों पर राज्य के साथ स्वास्थ्य परामर्श साझा किया गया है. राज्य के आग्रह के तहत 90 प्रकार की दवाओं की पहली बैच सोमवार को केरल पहुंचेगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 60 टन दवाएं राज्य की ओर रवाना कर दी है. 14 लाख शुद्ध पानी की बोतल लेकर एक स्पेशल ट्रेन रवाना कर दी गई है. इसके अलावा नेवी के एक जहाज से 8 लाख लीटर पेयजल भेजने का इंतजाम किया गया है.