लखनऊ: अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने देश का पहला हिंदू कोर्ट उत्तर प्रदेश में खोल दिया है। बुधवार (15 अगस्त) को शुरू किए गए इस कोर्ट को पहला जज भी मिल गया। हिंदू महासभा ने मेरठ के शादरा रोड स्थित पार्टी दफ्तर में इस बाबत कार्यक्रम आयोजित किया था। बता दें कि यह कोर्ट बिल्कुल दारुल काजा (शरिया कोर्ट) की तरह ही काम करेगा। हिंदुओं के मामले में फैसले देने के मकसद से इसे खोला गया है। बता दें कि शरिया कोर्ट मुसलमानों के निजी मामलों के निपटारे कराने को लेकर काम करता है। देश भर में इसके कई कांउसलिंग सेंटर भी हैं। मौजूदा समय में देश में तकरीबन 100 शरिया कोर्ट चल रहे हैं।

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने बताया, “हमनें शरिया कोर्टों की स्थापना के मसले पर कुछ दिन पहले चुनौती दी थी। हमने कहा था कि इन्हें देश में नहीं होना चाहिए, क्योंकि सभी के लिए एक संविधान होना चाहिए। हम इससे पहले सरकार से पूछ चुके थे कि अगर हमारी मांग पूरी न की गई, तो हम भी हिंदुओं के लिए कुछ वैसा ही कोर्ट खोलेंगे।”

महासभा में राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पाण्डे को इस हिंदू कोर्ट का पहला जज बनाया गया है। उन्होंने बताया, “हम सिर्फ हिंदुओं ने निजी मामलों के निपटारे करेंगे, जिसमें हिंदू महिलाओं के साथ छेड़छाड़, शादी के विवाद, पैसे व संपत्ति को लेकर हुई समस्याएं और अन्य चीजें शामिल होंगी। केंद्र और राज्य में जब बीजेपी सरकार बनी थी, तो हमें उनसे बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन उन्होंने भी जाति के आधार पर हिंदुओं के बीच बांटों और शासन की नीति अपनाई। ऐसे में हिंदू कोर्ट लोगों को एक साथ लेकर आएगा।”

पाण्डे पांच साल पहले प्रोफेसर थीं। वह मैथ्स और कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स कर चुकी हैं और मैथमैटिक्स में एम.फिल व पीएचडी भी कर चुकी हैं। वहीं, हिंदू महासभा के सदस्यों ने इस कोर्ट की स्थापना के बाद यहां के नियम-कानून का ऐलान करने के लिए दो अक्टूबर की तारीख चुनी है। वे 15 नवंबर तक देश के विभिन्न हिस्सों से कुल पांच जजों की नियुक्ति भी करेंगे, ताकि हिंदुओं को आसानी से न्याय मिल सके।