लखनऊ: भारतीय सेना में नायक के पद पर सेवारत विजय कुमार का पूरा परिवार पीढ़ियों से और वह स्वयं करीब15 वर्षों से निष्ठापूर्वक दुर्गम परिस्थियों में देश की सेवा कर रहा है उसे रिकार्ड आफिस के दिशा-निर्देश के बावजूद अब तक फील्ड-एरिया और हाई-अल्टीट्यूड एरिया में तैनाती दी गई जबकि उसके साथ के लोगों की पोस्टिंग आर ओ आई 2014 के अनुसार उनके गृहक्षेत्र के आस-पास कर दी गई लेकिन लखनऊ निवासी नायक को उसके परिवार और बच्चों की देखभाल से 15 वर्षों से दूर रखा गया है जो किसी भी दृष्टिकोण से न्यायसंगत नहीं है क्योंकि सैनिक को भी अपने परिवार की देखभाल का अधिकार है जिसका लाभ अन्य लोगों को दिया जा रहा है और ऐसा नियम भी रक्षा-मंत्रालय भारत सरकार ने बना रखा है l

रिकार्ड आफिस के नियमों के मुताबिक़ युद्ध जैसे हालत वाले क्षेत्रों में एक कार्यकाल व्यतीत किए जाने के उपरान्त शांति वाले क्षेत्र में पोस्टिंग करना अनीवार्य है जिसके खिलाफ उच्च-न्यायलय इलाहबाद, खंडपीठ लखनऊ के समक्ष रिट याचिका संख्या 2949 (S/S) of 2015, 1761 (S/S) of 2015 & 4504/2015 (S/S) दायर करने के बावजूद उसकी पोस्टिंग 11.05.2018 को 404 फील्ड हास्पिटल में कर दी गई एक मात्र प्रार्थी का आदेश निकाला और प्रार्थी ने आज्ञाकारी सैनिक की तरह ज्वाईन कर लिया उसे फिल्ड एरिया में नौकरी से परहेज नहीं है लेकिन जब सेना के अधिकारी, जिनके इशारे ही सैनिक के लिए आदेश हों, भेदभाव आधारित दृष्टिकोण अपनाकर कार्य करने लगते हैं तब सैनिक को पीड़ा होना स्वाभाविक है जबकि ए.एम्.सी. आर ओ आई 25/2014 के पैरा 598 के अनुसार 411 फील्ड हास्पिटल में सेवा देने के बाद उसकी पोस्टिंग केवल पीस यूनिट MH/BH/GH/CH में ही हो सकती है क्योकि 404 फील्ड हास्पिटल मूविंग यूनिट है इसमें पोस्टिंग नहीं की जा सकती दूसरे उसका ट्रेड वर्क न होने के बावजूद यह कार्य किया गया l

404 फील्ड हास्पिटल में अक्टूबर 2018 से पोस्ट खाली पड़ी थी किसी व्यक्ति की पोस्टिंग नहीं की गई क्योंकि वहां पर ट्रेड वर्क नहीं था लेकिन जैसे ही नायक विजय कुमार का कार्यकाल पूरा हुआ उसको व्यक्तिगतरूप से पोस्टिंग निकालकर 411 फील्ड हास्पिटल से 404 फील्ड-हास्पिटल पोस्टिंग भेज दिया गया जबकि वहां पर प्रार्थी का ट्रेड-वर्क ही नहीं है उससे सामान्य कार्य लिए जाते हैं, इससे तो उसकी ट्रेड संबंधित जानकारी पर प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि उससे ट्रेड का कार्य ही नहीं लिया जा रहा है जो आगे चलकर उसके अनुभव पर प्रभाव डालेगा और प्रार्थी के प्रमोशन को प्रभावित करेगा l

याची के अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि नायक विजय कुमार देश सेवा में तत्पर रहने वाला सैनिक है लेकिन उसको भेदबाव आधारित नियम विरुद्ध की जाने वाली पोस्टिंग से एतराज था इसलिए उसने पोस्टिंग के आदेश को चुनौती रिट याचिका संख्या-23189/2018, विजय कुमार बनाम भारत सरकार एवं अन्य माननीय उच्च-न्यायलय लखनऊ में दायर की जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने दो सप्ताह के अन्दर सरकार को यह बताने का निर्देश दिया कि आखिर आर ओ आई, 2014 को दरकिनार करके याची की पोस्टिंग लगातार फील्ड एरिया में क्यों की जा रही है, विजय पाण्डेय ने बताया कि सेना के आफिसर कहते हैं कि अधिकारियों के और सेना के खिलाफ मुकदमें करके नियम-कानून और आर ओ आई 25/2014 के पैरा 598 के अनुसार कार्य करना अदालत का कार्य है हमारे लिए यह सब कुछ नहीं है जैसा हमारी मर्जी होगी उसी प्रकार से पोस्टिंग देंगें यदि तुम्हें तकलीफ है तो फिर से अदालत चले जाओं, कोर्ट में सुनवाई होनी नहीं है तारीख लगेगी भी तो मुकदमें सुनने का नम्बर नहीं आएगा आखिर पैसा खर्च करके अदालत से क्या मिला और आगे क्या मिलेगा, अदालत में वकीलों को पैसा देने के बजाय उचित जगह पर खर्च करों और मन मुताबिक़ पोस्टिंग जाओ लेकिन उसने निष्ठावान ईमानदार सैनिक की तरह न्यायलय की ही शरण में आया और न्यायालय ने उसके भरोसे पर अपनी मुहर लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा l