नई दिल्ली: हापुड़ मॉब लिंचिंग केस मामले में संज्ञान में लेते हुये सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने आईजीपी मेरठ को 2 हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है मामले की सुनवाई अब 28 अगस्त को होगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और उसके परिवार को सुरक्षा देने के लिये भी कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने IG को कहा है कि वो याचिकाकर्ता के बयान मजिस्ट्रेट के पास दर्ज करान के लिये उचित कार्रवाई करें.​ एक न्यूज़ चैनल के स्टिंग आपरेशन के आधार पर हापुड में मॉब लिंचिंग के शिकार और अहम गवाह समयुद्दीन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. पीड़ित समयुद्दीन ने याचिका दायर कर मामले की कोर्ट की निगरानी में SIT से जांच कराने, आरोपियों की जमानत रद्द करनेतथा केस का ट्रायल उत्तर प्रदेश से बाहर करवाने की मांग की है. ​

याचिकाकर्ता की मांग है कि इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन होना चाहिए और इस मामले की सुनवाई यूपी से बाहर होनी चाहिए.

18 जून को हापुड़ में लोगों के एक समूह ने गौहत्या में शामिल होने के संदेह पर 64 वर्षीय समयुद्दीन और कासिम कुरैशी ने जमकर पिटाई की. इस घटना में दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। बाद में कासिम की मौत हो गई थी. कुछ दिन पहले एनडीटीवी की टीम हापुड़ के बजेड़ा खुर्द गांव में घटना के आरोपी आरोपी युद्धिष्ठिर सिंह सिंसोदिया से मिलने गई थी. सिसोदिया ने कोर्ट में बयान दिया है कि उसकी हमले में कोई भूमिका नहीं है और वह घटनास्थल पर भी मौजूद नहीं था. लेकिन उसने एनडीटीवी की टीम से बातचीत कहा कि उसने इस घटना में शामिल होने की बात जेल अधिकारियों को भी बताई थी. उसकी यह बात कैमरे में रिकॉर्ड कर ली गई थी. सिसोदिया ने कहा, हां, मैंने बोला कि वो गाय काट रहे थे, मैंने उसको काट दिया.