नई दिल्ली: लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का सोमवार सुबह यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके कई अंगों ने काम करने बंद कर दिया था. चटर्जी 89 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी तथा दो बेटियां हैं. अधिकारी ने बताया कि चटर्जी को रविवार को ‘दिल का हल्का दौरा’ पड़ा था जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई और आज सुबह करीब 8:15 बजे उनका निधन हो गया.

चटर्जी को किडनी से संबंधित बीमारी थी और उन्हें गत मंगलवार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और बीती रात से उनपर इलाज का कोई असर नहीं हो रहा था. आज सुबह करीब सवा आठ बजे उनका निधन हो गया.’ चटर्जी को कल सुबह दिल का दौरा पड़ा था. उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था. लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष को पिछले महीने मस्तिष्क में रक्तस्राव हुआ था. उनका पिछले 40 दिन से इलाज चल रहा था और स्वास्थ्य में सुधार होने के चलते उन्हें तीन दिन के लिए अस्पताल से छुट्टी दी गई थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले मंगलवार को उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. लोकसभा के दस बार सांसद रहे चटर्जी माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य थे. वह 1968 में माकपा में शामिल हुए थे.

वह वर्ष 2004 से 2009 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे. माकपा ने संप्रग-1 सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बावजूद चटर्जी ने लोकसभा के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. इस वजह से वरिष्ठ नेता को वर्ष 2008 में माकपा से निष्कासित कर दिया गया था.

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा सदन में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने वाले वरिष्ठ सांसद श्री सोमनाथ चटर्जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. बंगाल और पूरे भारत ने एक संवेदनशील लोक सेवक खो दिया है. उनके परिवार और अनगिनत चाहने वालों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चटर्जी के निधन पर शोक जताया और कहा कि सभी दलों के सांसद उनका सम्मान करते थे. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘10 बार सांसद रहे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्री सोमनाथ चटर्जी के निधन पर मैं दुखी हूं.’ उन्होंने कहा, ‘‘वह अपनेआप में एक संस्थान थे. सभी दलों के सांसद उनका सम्मान और प्रशंसा करते थे. दुख के इस क्षण में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं.’