लखनऊ: देश भर में तीन तलाक और हलाला के बढ़ते मामलों के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने साफ किया है कि हलाला का गलत तरह से प्रयोग करने वालों पर रेप का मामला दर्ज होना चाहिए. बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली का कहना है कि बोर्ड ने खुद ऐसे मामलों में FIR करवाई है. मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि बोर्ड खुद वुमेन सेल बनाकर पुरुषों और महिलाओं को जागरूक कर रहा है.

फरंगी महली ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में हलाला एक लॉ है. पिछले कई मामलों में ऐसा देखने में आया है, कि अगर कोई शख्स इसका गलत इस्तेमाल करता है, तो वह तरीका हराम है. उस मामले में आईपीसी के तहत केस दर्ज होना चाहिए. ऐसे शख्स के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और कुछ मामलों में इधर केस दर्ज हुआ भी है.

फरंगी महली ने कहा कि दूसरा ये है कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक को गैर कानूनी करार दे दिया है तो अब ऐसे भी हवाला का सवाल ही नहीं उठता. बरेली की निदा खान मामले में फरंगी महली ने कहा कि ससुर के साथ तो निकाह हो ही नहीं सकता. ये गैर शरियत है. उन्होंने कहा​ कि हलाला का जो सही कानून है, वह औरतों के हक में है.

वह ये है कि अगर किसी शख्स ने बीवी को तलाक दे दी है या बीवी ने तलाक ले लिया है तो बीवी इज्जत गुजारे के लिए अपनी मर्जी से जिस किसी के साथ चाहे तो निकाह करे. इसमें पहले से शर्त नहीं होनी चाहिए कि तुम निकाह कर लेना और तलाक दे देना. अगर ऐसा होता है तो दूसरा निकाह ही नहीं होगा.

अगर दूसरे विवाह में भी बीवी का तलाक हो जाए तो अगर चाहे तो अगर वह चाहे तो अपनी मर्जी से पहले शौहर के साथ निकाह कर सकती है.

उन्होंने कहा कि इसमें सोच ये है कि जिस महिला का दो बार तलाक हो जाएगा तो उसका आसानी से निकाह होना मुहाल हो जाएगा, लिहाजा उसको ये एक सहूलियत दी गई है.