नई दिल्ली: तमिलनाडु के पूर्व मुख्‍यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर खड़े हुए विवाद पर मद्रास हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मरीना बीच पर ही एम करुणानिधि का अंतिम संस्कार होगा. गुरु अन्ना की समाधि के बराबर में ही उन्हें दफनाया जाएगा. आपको बता दें कि राज्य सरकार ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्‍यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा था.

आपको बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट में मंगलवार (07 अगस्त) रात में शुरू हुई इस मामले की सुनवाई बुधवार (08 अगस्त) सुबह 8 बजे तक टाल दी गई थी. बुधवार (08 अगस्त) को तमिलनाडु सरकार ने अपने हलफनामे ने कहा कि मरीना बीच पर अंतिम संस्कार को सिर्फ मौजूदा मुख्यमंत्रियों को ही मरीना बीच पर अंतिम संस्कार के लिए जगह दी गई है. सरकार ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों का अंतिम संस्कार गांधी मंडपम में किया गया है, क्योंकि करुणानिधि मौजूदा मुख्यमंत्री नहीं हैं, इसलिए उनका अंतिम संस्कार भी गांधी मंडपम में किया जाना चाहिए. कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने कहा कि सुनवाई के दौरान कि एम करुणानिधि के परिवार से कोर्ट कोई नहीं पहुंचा, इतने गंभीर मामले का इतनी जल्दी कैसे निणर्य हो सकता है. सरकार की इस टिप्पणी के बाद कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, तो क्या मामले को एक हफ्ते तक खींचना चाहिए.

मरीना बीच में अन्ना मेमोरियल के बाहर सुरक्षा को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. डीएमके के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि तमिलनाडु में 7 करोड़ की आबादी है और करीब 1 करोड़ द्रमुक अनुयायी हैं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि अगर मरीना समुद्र तट पर करुणानिधि के अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं दी गई, तो वो नाराज हो सकते हैं.