नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में कल डोकलाम के मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से दिए बयान को लेकर उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह चीन की ताकत के सामने झुक गईं।

गांधी ने ट्वीट कर कहा कि आश्चर्य की बात है कि सुषमा जी जैसी महिला चीन की ताकत के सामने झुक गईं। एक नेता के प्रति पूर्ण समर्पण का मतलब यह हुआ कि सीमा पर तैनात हमारे बहादुर जवानों के साथ विश्वासघात किया गया है।

दरअसल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कल कहा था कि डोकलाम मुद्दा 'परिपक्व कूटनीति' के माध्यम से सुलझाया जा चुका है और इसके बाद से संबंधित क्षेत्र में यथास्थिति बरकरार है।

बताते चलें कि लोकसभा सत्र के दौरान टीएमसी सांसद सौगत बोस ने डोकलाम पर विदेश मंत्री से सवाल पूछा था। जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा था कि डोकलाम पर यथास्थिति बरकरार है। अब वहां गतिरोध खत्म हो चुका है। स्वराज ने कहा कि वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बैठक में कोई खास मुद्दा नहीं था।

सुषमा स्वराज ने कहा कि मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं में सहमति बनी कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच किसी भी विवाद को अपने स्तर पर सुलझाया जाएगा।

भारत और चीन के बीच विवाद का एक कारण डोकलाम में चीनी सेना की गतिविधियों को भारतीय सेना ने भी खारिज किया था। भारतीय सेना ने कहा था कि चीन क्षेत्र में अपनी मौजूदगी नहीं बढ़ा रहा है, बल्कि वह अपनी मौजूदा चौकियों पर जवानों को बदल रहा है। बता दें, पिछले साल यहां 73 दिनों तक दोनों देशों की सेनाओँ में तनातनी की स्थिति बनी रही थी।

नाम न छापने की शर्त पर सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि चीन ने तोर्सा नुल्लाह को क्रॉस करने की कोई कोशिश नहीं की। यह 100 स्कवायर मीटर में फैला वह पठार है, जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं है। भारत, चीन और भूटान तीनों ही देश सर्दियों के लिए इस क्षेत्र में अपनी चौकियां बना रहे हैं। जब इन चौकियों पर जवानों को बदला जाता है तो अस्थाई तौर पर चौकियों की संख्या दोगुनी हो जाती है। इस दौरान वहां पर पहले से मौजूद जवान नए आए जवानों को वहां की स्थितियों के बारे में बताते हैं।