लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनती नजर आ रही है. कई जगह तो जलभराव के कारण नाव चलने की नौबत आ गई है. पिछले एक जुलाई से एक अगस्त के बीच भारी बारिश या आकाशीय बिजली ​से प्रदेश के 72 जिलों में 164 लोगों की जान चली गई. वहीं 151 लोगों के घायल होने की खबर है. इसके अलावा कुल 207 पशु हानि हुईं, जबकि 1459 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए.

उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के परियोजना निदेशक इमरजेंसी आॅपरेशन अदिति उमराव ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार सहारनपुर में सबसे ज्यादा 11 लोगों की मौत हुई है. वहीं आगरा में 8, मेरठ और कानपुर देहात में 9-9, सोनभद्र में 7, मुजफ्फरनगर, ललितपुर में 5-5 लोगों की जान चली गई. इसके अलावा बागपत, अलीगढ़, इलाहाबाद, फतेहपुर, कन्नौज, जौनपुर, मैनपुरी, बांदा, अमरोहा में 4-4 और फर्रुखाबाद, औरैया, कासगंज, अमेठी, सुलतानपुर, रायबरेली और फिरोजाबाद में 3-3 लोगों की मौत हुई है.

वहीं प्रदेश में इस आफत की बारिश ने 1459 मकान भी क्षतिग्रस्त कर दिए हैं. इसमें से ज्यादा संख्या हाथरस की है. यहां 359 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. वहीं कानपुर देहात में 262, मेरठ में 154, सहारनपुर में 103, मथुरा में 54, बहराइच में 43 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बात अगर पिछले चौबीस घंटों की करें तो प्रदेश में इस दौरान 5 लोगों की मौत हो गई, वहीं 8 लोग घायल हैं. इसके अलावा 10 पशु हानि हुई है, जबकि 74 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं.