नई दिल्ली: राफेल डील पर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने नियमों की सभी नियमों की अनदेखी की है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि संसद में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने झूठ बोला है. राफेल डील रक्षा सौदे में क्रोनी कैपिटलिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है. राफेल का सच छुपाया जा रहा है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुरुवार निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस सौदे के माध्यम से देश के एक नामी उद्योगपति को चार अरब डॉलर का 'ईनाम' दिया गया है. गांधी ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ''श्रीमान 56 (मोदी) को जो पसन्द आता है, उसे सूट पहने होना चाहिए, 45 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे होना चाहिए, उसके पास 10 दिन पुरानी कंपनी होनी चाहिए और उसने अपनी जिंदगी में कभी विमान नहीं बनाया हो.''

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और उनपर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया. सुरजेवाला ने कुछ दस्तावेज सामने रखते हुए संवाददाताओं से कहा, ''राफेल सौदे की आए दिन खुलती परतें प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री द्वारा बोले गए झूठ की परतें खोल रही हैं. कल्चर ऑफ क्रोनी कैपिटलिज्म (छद्म पूंजीवाद की संस्कृति) मोदी सरकार का डीएनए बन गयी है. इस सौदे से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाए जाने की बू आती है."

उन्होंने दावा किया कि फ्रांस के साथ 36 राफेल विमान की खरीद का समझौता होने के बाद इस विमान सौदे से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से लेकर एक निजी भारतीय समूह की रक्षा कंपनी को दिया गया जबकि यह कंपनी समझौते से 12 दिन पहले पंजीकृत हुई थी और उसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं है. सुरजेवाला के मुताबिक इस निजी भारतीय कंपनी ने पिछले साल 16 फरवरी को बयान जारी कर कहा कि उसे राफेल से जुड़ा 30,000 करोड़ रुपये का 'ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट' और 1,00,000 एक लाख करोड़ रुपये का 'लाइफ साइकल कॉन्ट्रैक्ट' मिला है.

उन्होंने यह भी दावा किया कि एक सरकारी विज्ञप्ति में रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें निजी कंपनी को ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि 'राष्ट्रीय हितों के साथ हुए खिलवाड़' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए. सुरजेवाला ने सवाल किया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण देश से क्यों झूठ बोल रही हैं? क्या प्रधानमंत्री स्वीकार करेंगे कि एचएएल से कॉन्ट्रैक्ट छीनकर एक निजी समूह को दिया गया ? क्या रक्षा मंत्री की अनुमति के बगैर ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट किया गया?

वहीं, राहुल ने कहा, "अगर आप इन शर्तों को पूरा करते हैं तो आपको चार अरब डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट का ईनाम मिलेगा.'' गांधी ने जिस खबर को शेयर किया उसमें कहा गया है कि भारत में राफेल से जुड़ा कांट्रैक्ट जिस उद्योगपति को दिया गया उसने इसके 10 दिन पहले ही रक्षा क्षेत्र की कंपनी बनाई थी.