लखनऊ: मास्टरकार्ड पिछले 36 वर्षों से अधिक समय से भारतीय अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है और भारत में सुरक्षित और सुनिश्चित इलेक्ट्रॉनिक भुगतान करने के लिए तकनीकी, आधारभूत संरचना और विशेषज्ञता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह डिजिटल इंडिया एजेंडा के लिए भी प्रतिबद्ध है। स्थानीय निवेश के अपने मॉडल के लिए प्रतिबद्ध, मास्टरकार्ड भारत में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 6,500 करोड़ रुपये (1 अरब डॉलर) का निवेश करेगा ।

पौरुष सिंह, कंट्री कॉरपोरेट ऑफिसर, इंडिया एवं डिविजन प्रेसिडेंट, साउथ एशिया, मास्‍टरकार्ड ने कहा, “हमलेस-कैश समाज के रूप में भारत को स्थापना करने की दिशा में सरकार का मजबूती के साथ समर्थन करते हैंऔर इस दिशा में लगातार निवेश कर रहे हैं।”

पौरुष ने कहा, “डेबिटकार्ड लेनदेन में 80-85 प्रतिशत शुल्‍क वित्तीय संस्थानों और भारत में स्थित अन्य प्रोसेसर्स को उनकी सर्विस के लिए दिया जाता है और यह पूरी तरह से भारतीय अर्थ व्यवस्था में ही रहता है। केवल 15-20 प्रतिशत हिस्‍सा हीमास्टरकार्ड को अपनी नेटवर्क सर्विस प्रदान करने के रूप में मिलेंगे। यह 100 रुपए के लेनदेन पर 12 से 15 पैसे के बीच होता है। हम पूरी तरह से भारत के भविष्य के लिए प्रतिबद्धता के साथ खड़े हैं। हम दृढ़ता से मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की सफलता मास्टरकार्ड कीसफलता है।”