लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल का सदस्य होना एक गर्व की बात है। पुलिस बल को बेहतर प्रशिक्षण देकर जनविश्वास हासिल किया जा सकता है। जनता को पुलिस द्वारा सुरक्षा की अपेक्षा रहती है। उन्हांेने कहा कि अपराध ही नहीं बल्कि अशांति, कानून-व्यवस्था, यातायात दुर्घटना आदि में भी जनता सबसे पहले पुलिस को ही सूचित करती है। आधुनिक समय में समाज के अन्दर महिलाओं, बच्चों कमजोर वर्गाें एवं दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देना अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि बगैर मानवीय दृष्टिकोण अपनाये कोई भी व्यक्ति समाज के लिए उपयोगी नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा भवन में आरक्षी प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण सत्र के शुभारम्भ अवसर पर वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश पुलिस बल के 33 हजार 337 नये रिक्रूट आरक्षीगण को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार प्रदेश पुलिस में वर्चुअल क्लास रूम की स्थापना का एक अभूतपूर्व और प्रशंसनीय कार्य किया गया है। इस प्रशिक्षण का सकारात्मक प्रभाव समाज में देखने को मिलेगा। किसी भी मनुष्य के लिए जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व होता है। उन्होंने आरक्षियों से अपेक्षा की कि वे सयंमित व अनुशासित रहकर प्रशिक्षण प्राप्त करंे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के पास नौ संस्थान है तथा 31 स्थायी प्रशिक्षण केन्द्र हैं परन्तु प्रशिक्षुओं की संख्या को देखते हुए 53 अस्थायी प्रशिक्षण केन्द्रों में भी प्रशिक्षण कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 11 संस्थानों तथा उत्तराखण्ड राज्य के 3 संस्थानों में भी प्रशिक्षण कराया जा रहा है। इस तरह कुल 99 केन्द्रों पर प्रशिक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण हेतु बनाये गये पाठ्यक्रम में संशोधन किये गये है, जिससे प्रशिक्षुओं की कार्यशैली में, उनके आचरण एवं योगदान में गुणवत्ता आयेगी। साथ ही, वे कानून के अच्छे जानकार पुलिस जन के रूप में जनता को राहत दिलाने में मददगार होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार शासन-प्रशासन के बीच अच्छा संवाद स्थापित करने में सफल रही है, जिसके परिणाम स्वरूप आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। प्रदेश में बेहतर मौहाल के कारण ही बड़े पैमाने पर निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश स्थापित करना चाहते हैं, जिससे आने वाले समय में काफी लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ अपराध की प्रकृति में परिवर्तन आया है। इसलिए पुलिस बल को जनसामान्य के हितों, मीडिया खासतौर से सोशल मीडिया के प्रति और अधिक सचेत तथा संवेदनशील होने की जरूरत है। साइबर क्राइम सहित अपराधियों के आधुनिक तौर-तरीकों के प्रति भी जागरूक रहना होगा। पुलिस की कार्यप्रणाली और व्यवहार से ही उसकी छवि स्थापित होती है। जनता की जरूरतों और समस्याओं से परिचित होकर उनका प्रभावी समाधान किया जा सकता है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हए कहा कि पुलिस महानिदेशक ओ0पी0 सिंह ने कहा कि ये आरक्षी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री गोपाल गुप्ता सहित पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।