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बाजार में RBI लाने वाली है 100 रूपये का नया नोट

बाजार में RBI लाने वाली है 100 रूपये का नया नोट

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक जल्दी ही 100 रुपये का नया नोट जारी कर सकता है। ये नोट पुराने नोट से आकार में छोटा और 10 रुपये के नोट से बड़ा होगा। इसका रंग बैंगनी होगा। डीबी की रिपोर्ट के मुताबिक इस नोट पर यूनेस्को की विश्व धरोहर श्रेणी में शामिल गुजरात के पाटन की ऐतिहासिक रानी की बाव (बावड़ी) का चित्र दिखेगा। नए नोटों की छपाई ​इन दिनों देवास स्थित नोट प्रेस में शुरू हो चुकी है। जबकि नोट की डिजाइन को अंतिम रूप मैसूर की नोट प्रिंटिंग प्रेस में दिया गया है, जहां 2000 रुपये के नोट छापे गए थे। नए नोट की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसकी छपाई में स्वदेशी कागज और स्याही का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्राहकों के लिए राहत की बात यह है कि नए नोट बाजार में आने के बाद भी पुराने नोट चलन में बने रहेंगे।

नए नोटों का आकार और वजन 100 रुपये के पुराने नोटों से कम होगा। अभी तक 100 रुपये के नोटों की गड्डी का वजन 108 ग्राम होता था, लेकिन नए नोटों में गड्डी का वजन सिर्फ 80 ग्राम के आसपास होगा। रिजर्व बैंक की मोहर वाले ये नोट अगस्त या सितंबर में भारतीय बाजारों में दिखना शुरू हो सकते हैं।

शुरूआती तौर पर छापे गए 100 रुपये के नए करंसी नोटों में विदेशी स्याही का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन देवास बैंक नोट प्रेस में देशी स्याही से नोट छापने थे। रंगों का मिलान करने में आई कुछ शुरूआती दिक्कतों के बाद इस उलझन को सुलझा लिया गया है। अब देशी स्याही से छापने के बाद भी इनका रंग वैसा ही होगा, जैसा विदेशी स्याही से छापने के बाद आया था।

नए नोट बाजार में आने के बाद ग्राहकों को कुछ समय तक फिर से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बैंकों को 100 रुपये के नोट के हिसाब से अपने एटीएम में बदलाव करने होंगे। 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद ये लगातार चौथी बार होगा जब बैंक एटीएम की ट्रे के आकार में बदलाव करने जा रहे हैं। इससे पहले नोटबंदी के बाद ये परिवर्तन 2000, 500 और 200 रुपये के नोट के लिए करना पड़ा था।

नए करंसी नोटों में सामान्य सुरक्षा के फीचर्स के अलावा एक दर्जन नए सुरक्षा फीचर जोड़े गए हैं। इन सुरक्षा फीचर्स को यूवी किरणों की रोशनी में देखा जा सकेगा। 100 रुपये के नए नोट पर गुजरात के पाटन क्षेत्र में बनी रानी की बाव (बावड़ी) का चित्र अंकित होगा। ये बावड़ी सन् 1063 में गुजरात के यशस्वी राजा भीम देव सोलंकी प्रथम की यादगार में उनकी रानी उदयमति ने बनवाई थी। इस बावड़ी को पुरातत्व विभाग ने पिछली शताब्दी में खोजा था। ये बावड़ी करीब 700 सालों से सरस्वती नदी की गाद में दबी रही थी। साल 2014 में युनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल में शामिल किया था। युनेस्को के विशेषज्ञों ने इसे भारत में मौजूद बावड़ियों की रानी का खिताब दिया था।

भारतीय रिजर्व बैंक इससे पहले 200 रुपये के नोट पर मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित सांची के स्तूप, 500 रुपये के नोट पर दिल्ली के लाल किले, 50 रुपये के नोट पर कर्नाटक के हंपी की मंदिर श्रृंखला जबकि 10 रुपये के नोट पर कोणार्क के सूर्य मंदिर को अंकित कर चुकी है।

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