लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में कुल 7459.11 लाख रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। इनमें 3735.04 लाख रुपए की 06 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 3724.07 लाख रुपए की 05 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

लोकार्पित परियोजनाओं 79 बेड के वाॅर्ड का निर्माण, 6 माड्यूलर ओ0टी0, वाॅर्ड-11 (आई वाॅर्ड) का उच्चीकरण, गैस्ट्रोएण्ट्रोलाॅजी विभाग के जीर्णोद्धार, कार्डियोलाॅजी विभाग में 06 प्राइवेट वाॅर्ड का जीर्णोद्धार एवं 500 किलोवाॅट सोलर प्लाण्ट की स्थापना का कार्य शामिल है। इसके अलावा, लेबर काॅम्पलेक्स भवन, इलेक्ट्रिक सुरक्षा का कार्य, फायर हाइड्रेन्ट सिस्टम एवं फायर अलार्म सिस्टम की स्थापना, वाॅर्ड नम्बर 1, 2, 4 ,8 तथा वाॅर्ड नम्बर 1 से 10 तक के वाह्य दीवारों तथा ट्राॅमा सेण्टर का जीर्णोद्धार तथा 125 बेडयुक्त रैन बसेरा के निर्माण के कार्यों का शिलान्यास किया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने की दृष्टि से लाइफलाइन के रूप में कार्य करता है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी सम्बन्धित को लगातार कार्य करना होगा। प्रदेश सरकार का यही प्रयास है कि सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले। उन्होंने कहा कि एक समय बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज की मान्यता पर संकट था, परन्तु आज यह मेडिकल कालेज पूर्वी उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ सुविधाएं प्रदान कर रहा है। हम सभी का प्रयास है कि अगले सत्र में एम0बी0बी0एस0 की सीटों में बढ़ोत्तरी हो और यहां के छात्र-छात्राओं को बेहतर सुविधाएं भी मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज में बिहार सहित अन्य राज्यों तथा नेपाल से भी मरीज आते हैं। प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बनने के बाद बस्ती, फैजाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर एवं बहराइच में 05 नए मेडिकल काॅलेज बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, देवरिया, सिद्धार्थनगर, मीरजापुर, फतेहपुर, एटा एवं हरदोई सहित 08 नए मेडिकल काॅलेज बनाने की योजना तैयार की जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा 150 एडवान्स लाइफ सपोर्ट (ए0एस0एल0) एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं तथा प्रदेश सरकार द्वारा ‘108’ सर्विस की 750 एम्बुलेंस और क्रय की जा रही हैं, ताकि उनके रिस्पाॅन्स टाइम में और कमी लाई जा सके और मरीजों को शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों की सबसे बड़ी पहचान मानवीय संवेदना होती है। उन्होंने रावण के वैद्य का उदाहरण देते हुए डाॅक्टरों को प्रेरित किया कि वे मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में मानवीय संवेदना का विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना सभी डाॅक्टरों का दायित्व है। यदि कोई ऐसा नहीं करता है, तो वह अपने पेशे के प्रति ईमानदार नहीं है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। यदि डाक्टर अपने पेशे के प्रति संवेदशील रहेगा तो वह तैनाती स्थल से गायब नहीं रहेगा और ईमानदारी से कार्य करेगा, जिससे लोगों का डाॅक्टरों के प्रति विश्वास और भी बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जे0ई0/ए0ई0एस0 की बीमारी में उपचार से ज्यादा बचाव की भूमिका होती है, सभी चिकित्सक गांव-गांव जाकर चैपाल लगाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें, तो जे0ई0/ए0ई0एस0 पर नियंत्रण पाया जा सकता है। आने वाले समय में बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज को एम्स की प्रतिस्पर्धा में कार्य करना होगा। इसलिए बेहतर स्वास्थ सुविधाएं एवं बेहतर व्यवहार के आधार पर ही एम्स से प्रतिस्पर्धा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्षों के बाद बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज में बुनियादी सुविधाओं के कार्य हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी एक माह के अन्दर मेडिकल काॅलेज में सी0आर0सी0 (काॅमन रिहैबिलिटेशन सेण्टर) तथा आर0वी0सी0 (रीजनल वायरोलाॅजी सेण्टर) का भी शिलान्यास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी पात्र लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जागरूकता लाने का भी कार्य किया जाए।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेज को ई-हाॅस्पिटल बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। आने वाले समय में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सकें, इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।