नई दिल्ली: कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना धृतराष्ट्र से की है और आरोप लगाया है कि वो कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी से राजनीतिक बदला लेने की दौड़ में अंधे हो गए हैं। सुरजेवाला ने कहा है कि मोदी जी आगामी चुनावों में हार के डर से मोदी जी बौखलाए हुए हैं, इसीलिए समाज में नफरत का जहर घोल रहे हैं। सुरजेवाला ने इससे जुड़ा एक वीडियो ट्वीट किया है और लिखा है, “हार के डर से अपना आपा खोए मोदीजी आज पसीना पौंछ-पौंछ कर समाज में नफ़रत व बँटवारे का ज़हर घोलते नज़र आए। सच तो यह है की कांग्रेस व राहुल जी से बदले की आग में वो धृतराष्ट्र की तरह अंधे हो चुके हैं, जुमलों की किशती में सवार झूठों के सरदार PM पद की मर्यादा त्याग बरगलाने पर उतर आए हैं।”

सुरजेवाला ने आरोप लगाया है कि मोदी जी पीएम पद की मर्यादा को दरकिनार कर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम पर झूठ गढ़कर देश को बरगला रहे हैं और बहका रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोडसे के उत्तराधिकारी गांधीवादी विचारधारा को कभी भी नहीं हरा सकते है। उन्होंने सवाल पूछा कि मोदी जी कब कालाधन विदेशों से लाकर 15-15 लाख रुपये सभी भारतीयों के खाते में डाले जाएंगे। उन्होंने पूछा कि मोदी जी कब किसानों को न्याय देंगे, कब महंगाई घटाएंगे, कब नारी पर वार रोक पाएंगे और कब अच्छे दिन लाएंगे? उन्होंने कहा कि अब लगता है कि अच्छे दिन तभी आएंगे जब मोदी जी जाएंगे।

बता दें कि पीएम मोदी अक्सर अपनी जनसभाओं में कांग्रेस और राहुल गांधी पर वार करते रहे हैं। शनिवार (14 जुलाई) को भी पीएम मोदी ने आजमगढ़ में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर वार किया और कहा कि वह मुस्लिम पुरुषों की पार्टी है पर मुस्लिम महिलाओं की हितैषी नहीं है। उन्होंने कहा, ”मैंने अखबार में पढ़ा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है। पिछले दो दिन से चर्चा चल रही है। इस पर मुझे आश्चर्य नहीं हो रहा है क्योंकि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी तो स्वयं उन्होंने कह दिया था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार मुसलमानों का है।” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है… ये तो बताइये मुसलमानों की पार्टी भी क्या पुरूषों की है या महिलाओं की भी है… क्या मुस्लिम महिलाओं के गौरव के लिए जगह है… संसद में कानून लाने से रोकते हैं। संसद चलने नहीं देते हैं।’’