फाइनल में 4-2 से हराकर क्रोशिया के सपनों को किया चकनाचूर

मॉस्को: प्रतिद्वंद्वी डिफेंस को चकनाचूर करते हुए बेहतरीन आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. हाफ टाइम तक फ्रांसिसि टीम 2-1 की बढ़त पर थी. फ्रांस को शुरुआत में ही क्रोएशिया के आत्मघाती गोल से बढ़त मिली थी, जिसे क्रोएशिया ने कुछ ही देर बाद 28वें मिनट में 1-1 से बराबर कर दिया. लेकिन इस बराबरी के 10 मिनट बाद ही मिली पेनल्टी किक को गोल में बदल ग्रीजमैन ने फ्रांस को फिर से 2-1 से आगे कर दिया. फ्रांस के लिए तीसरा गोल दूसरे हाफ में पोग्बा, तो चौथा गोल के.एमबापी ने किया. वहीं क्रोएशिया के लिए दूसरा गोल एम. मैंजुकिच ने किया.

दूसरे हाफ में दोनों ही टीमों ने शुरुआती से आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया. दूसरे हाफ के दूसरे ही मिनट में क्रोएशियाई खिलाड़ी फ्रांस की डी में पहुंच गए. इस दौरान रेबिक ने बायीं छोर से एक अच्छा मूव बनाया, लेकिन फ्रांसिसि कप्तान और गोलची लोरिस ने क्रोएशिया की इस कोशिश को बेकार कर दिया. 2-1 की बढ़त पर सवार फ्रांस के खिलाड़ियों की शारीरिक भाषा देखने लायक थी. गति और जोश पूरी तरह शबाब पर. खेल के 59वें मिनट में दाएं छोर से रास्ता बनाते हुए और क्रोएशिया के डिफेंस में छेद करने का काम किया फ्रांस के स्टार एमबापी ने.

एमबापी ने गेंद को पोग्बा की तरफ भेजा. क्रोएशियाई डिफेंडर विडा ने इसमें बाधा पहुंचाई, लेकिन गेंद उनसे टकराकर फिर से पोग्बा के पास पहुंचा, जिन्होंने इसे अपनी बायीं किक से गोल में तब्दील कर स्कोर 3-1 कर दिया. फ्रांसिसि समर्थक सातवें आसमान पर थे, तो क्रोएशियाई पूरी तरह पस्त, लेकिन मानो यही काफी नहीं था. फ्रांसिसि टीम मानो भूखे भेड़िय में तब्दील हो चुकी थी. तीसरे गोल के छह मिनट बाद ही एमबापी ने क्रोएशिया को एक और सदमा देते हुए फ्रांस की बढ़त 4-1 कर दी.

एमबापी क्रोएशियाई गोल से करीब पच्चीस मीटर दूर से ही गेंद को छीनकर आगे बढ़े. क्रोएशियाई डिफेंस पूरी तरह छितरा चुका था. एमबापी को विडा रोकने में नाकाम रहे. और एमबापी फ्रांसिसी सुबासिक को चीरते हुए गोलची को गच्चा देते हुए गोल करने में कामयाब रहे. स्क्रिप्ट करीब-करीब तय हो चुकी थी. हालांकि, चार मिनट बाद ही फ्रांसिसी कप्तान और गोलची की बेवकूफी का फायदा उठाते हुए क्रोएशिया गोल करने और स्कोर को 4-2 पर लाने में जरूर कामयाब रहा. लेकिन अंतर इतना ज्यादा हो चुका था कि यहां से विश्व विजेता कौन होगा, यह साफ हो गया. इसके बाद बचे समय में कोई भी टीम एक-दूसरे पर गोल दागने में नाकाम रही. और फ्रांस ने 4-2 के स्कोर के साथ साल 1998 के बाद दूसरी बार विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल कर लिया.

इससे पहले खेल की शुरुआत से ही क्रोएशिया ने फ्रांस पर अपना दबदबा बनाए रखा. खुद पर आत्मघाती गोल करने से पहले क्रोएशिया का गेंद पर करीब 65 फीसदी कब्जा रहा. जवाब में फ्रांस ने भी पलटवार किया और उसके खिलाड़ी क्रोएशिया के गोलपोस्ट में पहुंचने में कामयाब रहे. फायदा यह मिला की फ्रांस कॉर्नर हासिल करने में कामयाब रहा. खेल के 18वें मिनट में फ्रांस ग्रीजमैन ने कॉर्नर किक ली, लेकिन किक को क्लीयर करने की कोशिस में मारियो मांजुकिक गेंद को अपने गोलपोस्ट मे ही मार बैठे. इससे मांजुकिक की तो शारीरिक भाषा जरूर बदली, लेकिन एक सामूहिक ईकाई के रूप में क्रोएशिया के अंदाज पर कोई असर नहीं पड़ा. क्रोएशिया ने फ्रांसिसी खेमे पर हमले बोलना जारी रखा. और आत्मघाती गोल करने के दस मिनट बाद ही क्रोएशिया के पेरिसिक के बेहतरीन गोल ने क्रोएशिया को 1-1 की बराबरी पर ला दिया.

फ्रांस फ्री-किक से आए इस खतरे को टाल पाने में नाकाम रहा. गेंद को मांजुकिक ने विदा के लिए पहुंचाया. और उन्होंने इसे पेरिसिक की तरफ सरकर दिया. पेरिसिक ने फ्रांस के डी में अपने लिए थोड़ा जगह और स्थान बनाने के लिए कुछ समय जरूर लिया, लेकिन इसके बाद बेहतरीन बायीं किक से गोल कर क्रोएशिया को 1-1 की बराबरी पर ला दिया. स्टेडियम में जमा लाखों क्रोएशियाई दर्शकों सहित उसके खिलाड़ियों की निराशा एकदम से ही चार सौ चालीस वोल्ट की मुस्कान में तब्दील हो गई. लेकिन यह मुस्कान कुछ ही देर कायम रह सकी. मारामारी और गतिरोध के बीच खेल के 10वें मिनट में फ्रांस को पेनल्टी किक मिली. और ग्रीजमैन ने इसे जाल में डाल फ्रांस को एक बार फिर से 2-1 से आगे कर दिया.