नई दिल्ली: टीम इंडिया और भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए खुशखबरी है। स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी आखिरकार यो-यो टेस्ट में सफल हो गए हैं। अब वह इंग्लैंड के साथ खेले जाने वाले चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर सकेंगे। इससे भारत की तेज गेंदबाजी आक्रमण को और धार मिलेगी। यो-यो टेस्ट में विफल रहने के कारण शमी पिछले महीने अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए एकमात्र टेस्ट मैच में नहीं खेल सके थे। उनकी जगह पर नवदीप सैनी को टीम में जगह दी गई थी। हालांकि, सैनी को अंतिम एकादश में स्थान नहीं मिल सका था। शमी ने यो-यो टेस्ट में पास होने के तुरंत बाद बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी परिसर को छोड़ दिया। बता दें कि टीम इंडिया में स्थान बनाने के लिए यो-यो फिटनेस टेस्ट पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें असफल होने वाले प्लेयर्स को टीम में जगह नहीं दी जाती है। मालूम हो कि यो-यो टेस्ट में विफल रहने के कारण अंबाती रायुडु और संजू सैमसन के हाथ से इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा बनने का मौका जाता रहा था।

गेंदबाजी आक्रमण बेहतर होने की उम्मीद: भारत के स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमरा घायल हैं, ऐसे में इंग्लैंड दौरे के लिए वह उपलब्ध नहीं हैं। इससे भारत को करारा झटका लगा था। तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी ईशांत शर्मा, उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार के कंधों पर आ गई है। इन परिस्थितियों में मोहम्मद शमी के टीम में शामिल होने से तेज गेंदबाजी आक्रमण को और धार मिलने की उम्मीद है। हालांकि, टीम में जगह बनाने के लिए शमी को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है, क्योंकि टीम प्रबंधन को फिलहाल ईशांत और उमेश यादव पर ज्यादा भरोसा है। अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए एकमात्र टेस्ट मैच में भुवनेश्वर और बुमरा को आराम दिया गया था। हालांकि, इंजुरी के कारण बुमरा नहीं खेल सकेंगे, लेकिन भुवनेश्वर कुमार मौजूद रहेंगे। इंग्लैंड की परिस्थितियों को देखते हुए भुवी स्विंग बॉलिंग के साथ काफी प्रभावी साबित हो सकते हैं।

रवि शास्त्री और विराट कोहली यो-यो टेस्ट के प्रबल समर्थक: टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली यो-यो फिटनेस टेस्ट के प्रबल समर्थक हैं। इंग्लैंड दौरे से पहले शास्त्री और कोहली ने स्पष्ट कर दिया था कि टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए प्लेयर्स को यो-यो टेस्ट पास करना ही होगा। कप्तान कोहली ने कहा था कि खिलाड़ियों को भावनाओं को पीछे छोड़ते हुए यो-यो टेस्ट को पूरी गंभीरता से लेना चाहिए। इससे टीम को ही फायदा होगा।