अयोध्या: राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ.रामविलास दास वेदांती के 2019 के पहले कभी भी राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बयान पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. न्यूज 18 से बातचीत में इकबाल अंसारी ने कहा कि जिस तरह से राम विलास वेदांती चुनौती दे रहे हैं. ये सरकार को चुनौती है. वह मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह से बात करना सुप्रीम कोर्ट की तौहीन है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है और आदेश राम विलास वेदांती जी दे रहे हैं. इकबाल अंसारी ने कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हैं कि इस तरह से बात करने वाले पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. ये अदालत की तौहीन कर रहे हैं, कानून का मजाक उड़ा रहे हैं. ये आदेश देने वाले होते कौन हैं?

इकबाल अंसारी ने कहा कि ये हिन्दू और मुसलमान के बीच नफरत पैदा कर रहे हैं. हिन्दू और मुसलमान दोनों मिलकर जीना चाहते हैं. इकबाल अंसारी ने कहा कि हम लोग कब तक सब्र करेंगे. 70 साल से हम कोर्ट का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं. अब ये अपने मन से कानून बना रहे हैं कि दो महीने में बना देंगे और अदालत का फैसला भी नहीं मानेंगे. इस तरह से बात करने वाले पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.
इकबाल अंसारी ने कहा कि हम मानते हैं कि देश में कानून व्यवस्था दुरुस्त है. यहां राम रहीम भी नहीं छोड़े गए. हम मानते हैं कि ऐसी बात करने वालों को सरकार बख्शेगी भी नहीं.

बता दें राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास दास वेदांती ने सोमवार को कहा कि 2019 के पहले कभी भी राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सकता है. बीजेपी के पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने कहा, "जिस तरीके से अचानक विवादित ढांचा ध्वस्त किया गया, उसी तरीके से रातों-रात मंदिर निर्माण भी शुरू हो सकता है." उन्होंने साफ तौर पर ये संदेश देने की कोशिश कि मस्जिद तोड़ने के लिए कोई परमिशन नहीं ली गई थी. उसी तरह मंदिर बनवाने के लिए किसी परमिशन की जरुरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी ही राम मंदिर का निर्माण कर सकती है. इसके अलावा कोई और पार्टी नहीं है, जो राम मंदिर का निर्माण करा सके. वेदांती ने उम्मीद जताई कि 2019 में फिर बीजेपी की सरकार बनेगी और नरेंद्र मोदी भारत के दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे.

वेदांती ने कहा था कि यह आरोप सरासर गलत है कि मस्जिद तोड़ी गई. उस जगह पर मस्जिद थी ही नहीं. वहां एक ढांचा था, जो राम मंदिर का खंडहर था. जिसे वहां नया राम मंदिर बनाने के लिए तोड़ दिया गया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा, "अब देश और प्रदेश में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है. लिहाजा वे रामजन्मभूमि न्यास को उसकी 67 एकड़ की जमीन वापस कर दें. जिससे वहां भव्य मंदिर बनाया जा सके."