लखनऊ:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डाॅ0 अब्दुल कलाम प्रेक्षागृह में फेडरेशन आॅफ ओब्सटेªटिक एण्ड गायनक्लोजिक्ल सोसायटी आॅफ इण्डिया (फाग्सी) के तत्वावधान में आयोजित आर0टी0आई0 वर्कशाप का उद्घाटन किया। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मुख्य सूचना आयुक्त श्री जावेद उस्मानी, युनाईटेड नेशन्स पापुलेशन फण्ड की अध्यक्षा श्रीमती फरहा उस्मानी, डाॅ0 अर्चना वर्मा, डाॅ0 मधु, फाग्सी के अध्यक्ष श्री जयदीप मल्होत्रा सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम पारदर्शिता लाने का प्रबल शस्त्र है। इस अधिकार को समाज के हित के लिए उपयोग में लाएं। देश की सुरक्षा को छोड़कर सूचना के अधिकार के अंतर्गत हर जानकारी अधिकृत रूप से मिल सकती है। इस अधिनियम की वजह से मंत्री, अधिकारी और कर्मचारी प्रमाणिकता से काम कर सकेंगे, क्योंकि यह सबको मालूम है कि इस कानून के अंतर्गत कोई भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने दायित्व को महसूस करें। आम आदमी को जानकारी लेने का अधिकार है और सरकारी कर्मचारी को सूचना देने की जिम्मेदारी है। कुछ लोग इस अधिकार का प्रयोग सिर्फ दूसरों को परेशान करने के लिए कर रहे हैं। सूचना के अधिकार का दुरूपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुरूपयोग करने वालों पर भी अंकुश लगना चाहिए।

श्री नाईक ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में बनाया गया। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है तथा सूचना के अधिकार की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। अधिनियम तब तक व्यवहार में नहीं आता जब तक उसके नियम प्रख्यापित न हो जायें। उत्तर प्रदेश में सूचना के अधिकार की नियमावली न होने के कारण यह उतना उपयोगी नहीं हो सका था। उन्होंने वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त श्री जावेदन उस्मानी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा नियमावली प्रख्यापित कराई गई जिसके कारण उत्तर प्रदेश में अधिनियम का प्रभावी ढंग से उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि जवाबदेही और पारदर्शिता की दृष्टि से 1978 से विधायक से राज्यपाल रहते हुए वे हर वर्ष जनता को अपना वार्षिक कार्यवृत्त प्रस्तुत करते हैं।

राज्यपाल ने फाग्सी को इस कार्यशाला के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि चिकित्सकीय पेशे की दृष्टि से भी आर0टी0आई0 का अपना महत्व है। फाग्सी संस्था में महिलाओं की अच्छी संख्या है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं का चित्र बदल रहा है। इस वर्ष दीक्षांत समारोह में 15.60 लाख उपाधियाँ प्रदान की गई हैं जिसमें 51 प्रतिशत छात्रायें हैं। स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करने वालों में 65 प्रतिशत छात्राएं हैं। महिला शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का चित्र बदल रहा है। यह बदलता हुआ चित्र पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू किए गए ‘सर्व शिक्षा अभियान’ तथा वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना का नतीजा है।

मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने कहा कि सूचना का अधिकार एक क्रांतिकारी अधिनियम है जो यथास्थिति में परिवर्तन लाता है। सूचना के अधिकार अधिनियम ने शक्ति संतुलन को जनता के पक्ष में सशक्त किया है। अधिनियम के लक्ष्य बहुत स्पष्ट हैं जिसमें आम जनता सबसे महत्वपूर्ण घटक है। सूचना के अधिकार के अंतर्गत केवल सूचना अधिकारियों का ही नहीं बल्कि सूचना मांगने वालों तथा आम जनता का भी समय-समय पर प्रशिक्षण होना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 2015 में नियम बनाए गए तथा उसका प्रख्यापन हुआ। सरकार में पारदर्शिता नहीं होती है तो भ्रष्टाचार पनपता है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम सुशासन स्थापित करने तथा भ्रष्टाचार को दूर करने का माध्यम है।

युनाईटेड नेशन्स पापुलेशन फण्ड की अध्यक्षा श्रीमती फरहा उस्मानी ने कहा कि सूचना के युग में बिना जानकारी रखे, विशेषकर महिलाओं का शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे आना चाहिए और उन्हें अधिकारों की जानकारी भी होनी चाहिए।