लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह साफ कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री ही बनना चाहते हैं प्रधानमंत्री नहीं। प्रधानमंत्री बनने की सूची में वह नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री जो भी बनेगा वह सूची उत्तर प्रदेश से बनेगी। जनता परिवर्तन चाहती है और देश नया प्रधानमंत्री। बसपा के साथ सीटों के बंटवारे के सवाल पर कहा कि उप्र में सोशल इंजीनियरिंग और सम्मान का गठबंधन होगा।

अखिलेश ने बुधवार को दिल्ली में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर कहा कि वे इतना बड़ा सपना नहीं देखते। गठबंधन राजनीति के सवाल पर कहा कि राजनीतिक दल अब परिपक्व हो गए हैं। लोग देख रहे हैं कि भाजपा 47 दलों के साथ गठबंधन कर सरकार चला रही है। गोरखपुर, फूलपुर, कैराना और नूरपुर में गठबंधन प्रत्याशियों के सामने भाजपा की सारी रणनीति फेल हो गई। अगर आज लोकसभा चुनाव हो जाए तो वह सबसे ज्यादा खुश होंगे। अगर भाजपा एक साथ चुनाव कराना चाहती है तो यूपी से इसकी शुरुआत करें। वह और खुश होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में जनता से किए वादों को पूरा नहीं किया। विपक्ष के सभी लोगों की जिम्मेदारी हैं कि किसानों, नौजवानों और गरीबों के मुद्दे से ध्यान न हटने दें। आम जनता देश को विकास और खुशहाली के रास्ते पर देखना चाहती है, लेकिन भाजपा ने देश को उलझा कर रख दिया है। अगला लोकसभा चुनाव सामाजिक न्याय, विकास और किसानों के मुद्दों पर होगा। जब तक सामाजिक न्याय की बात नहीं होगी, देश का भला नहीं होगा। अखिलेश ने कहा कि हम तो सोचते थे कि जो लोग राजनीति में आते हैं, वे लोगों का जीवन बदलने के लिए आते हैं। हम 2017 का विधानसभा चुनाव विकास पर लड़ते रहे। भाजपा ने जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बहकाने का काम किया, लेकिन जनता अब समझ गई है।

अखिलेश ने लोकसभा चुनाव में विपक्ष की रणनीति के सवाल पर कहा कि इसका खुलासा अभी नहीं करेंगे। विपक्ष मिलकर भाजपा को हराएगा और देश का नया प्रधानमंत्री देगा। विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के सवाल पर कहा कि चुनाव बाद सभी पार्टियां मिलकर तय कर लेंगी।