सोची: खेल के आखिरी कुछ मिनटों में स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो के गोल और इस फीफा विश्व कप की पहली हैट्रिक की मदद से पुर्तगाल ने ग्रुप बी के सबसे चर्चित मुकाबले में स्पेन को 3-3 से बराबरी पर रोक दिया। स्पेन की टीम 88वें मिनट तक 3-2 से आगे थी, लेकिन गेरार्ड पीके की गलती से पुर्तगाल को फ्रीकिक मिली जिसे रोनाल्डो ने गोल में बदलकर यह अहम मुकाबला ड्रा कराया। पुर्तगाल के लिए क्रिस्टियानो रोनाल्डो (चौथा, 43वां और 88वां मिनट) ने जबकि स्पेन के लिए डिएगो कोस्टा (24वां और 55वां मिनट) और नाचो (58वां मिनट) ने गोल दागे।

स्पेन ने पहले हाफ में एक गोल से पिछड़ने के बाद दूसरे हाफ में आक्रामक वापसी करते हुए चार मिनट के भीतर दो गोल दागकर पुर्तगाल पर बढ़त बनाई। कोस्टा ने 55वें मिनट में सर्जियो बास्केट्स से मिले पास पर पुर्तगाली डिफेंस को छकाते हुए बराबरी का गोल किया। इसके तीन मिनट बाद ही नाचो ने ऐसा गोल किया जिसे फुटबालप्रेमी लंबे समय तक याद रखेंगे और दुनिया के किसी भी गोलकीपर के लिये इस तरह का गोल बचाना लगभग नामुमकिन होता। पुर्तगाली डिफेंस ने स्पेन के पहले प्रयास को नाकाम कर दिया लेकिन नाचो ने लंबी दूरी से दमदार शाट लगाकर मैच में स्पेन को बढ़त दिला दी।

इससे पहले पुर्तगाल ने शुरूआत से ही आक्रामक खेल दिखाया और दूसरे ही मिनट में उसे पेनल्टी मिली जिसे रोनाल्डो ने गोल में बदलकर टीम को 1-0 से बढत दिला दी। इसके पांच मिनट बाद स्पेन ने जवाबी हमले में अच्छा मूव बनाया लेकिन डेविड सिल्वा का शाट गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गया। स्पेन के लिए बराबरी का गोल 24वें मिनट में डिएगो कोस्टा ने किया। पुर्तगाल के तीन डिफेंडर्स को छकाते हुए कोस्टा ने बाएं कार्नर से गेंद को गोल के भीतर डाला। बराबरी के गोल के बाद से स्पेनिश खिलाड़ियों ने शानदार 'टिकी टाका' फुटबाल का प्रदर्शन करते हुए लगातार हमले बोले।

अपना आखिरी विश्व कप खेल रहे आंद्रे इनिएस्ता 34वें मिनट में स्पेन को बढ़त दिलाने के करीब भी पहुंचे लेकिन उनका शाट बाहर चला गया। स्पेनिश डिफेंडर्स ने रोनाल्डो को बांधने की लाख कोशिशें की लेकिन 43वें मिनट में उन्हें पुर्तगाल को बढ़त दिलाने से नहीं रोक सके। गोंजालो गुएडेस से मिले पास पर रोनाल्डो ने बाएं पैर से शानदार गोल दागा और स्पेनिश गोलकीपर डेविड डि जिया एक बार फिर इसे रोकने में नाकाम रहे। स्पेन और पुर्तगाल के बीच विश्व कप में आखिरी मुकाबला 2010 में अंतिम 16 में हुआ था, जब 63वें मिनट में डेविड विला के गोल की मदद से स्पेन ने जीत दर्ज की थी और आखिर में खिताब भी स्पेन के ही नाम रहा था।