लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खाली किए बंगले को लेकर रार थमने का नाम नहीं ले रही है. अखिलेश यादव पर बंगले में तोड़फोड़ और क्षतिग्रस्त करने के आरोप लगे. मामले में राज्यपाल राम नाईक ने भी सीएम योगी को पत्र लिखकर मामले को गंभीर माना और जांच के लिए कहा है. उधर मामले में बुधवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी, साथ ही योगी सरकार पर बदले की राजनीतिक आरोप लगाया. यही नहीं अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में सरकारी अधिकारियों की खिंचाई भी की.

प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव टोटी लेकर पहुंचे. उन्होंने कहा कि बंगले को मैंने अपनी पसंद से बनवाया था. आज भी वहां पर जो वुडेन फ्लोरिंग लगी है, मंदिर है और अन्य चीजें हैं, जो मैंने अपने पैसे से लगवाई हैं.

तोड़फोड़ की खबरों पर अखिलेश यादव ने कहा कि उनके द्वारा बंगला खाली करने के बाद सीएम योगी के ओएसडी अभिषेक और आईएएस अफसर मृत्युंजय नारायण वहां गए थे. मैं पूछना चाहता हूं कि वह क्या करने गए थे? ये लोग फोटोग्राफर लेकर गए थे.

अखिलेश ने कहा कि बंगले में वुडेन फ्लोरिंग के साथ ही तमाम चीजें अभी भी जस की तस हैं. ​एक टूटे हुए कोने की तस्वीर इस तरह से खींची गई कि लगे कि पूरा बंगला ही खराब कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि लोग प्यार में अंधे होते होंगे पर जलन और नफरत में अंधे होते हैं ये मैंने देखा है. अखिलेश ने कहा कि टोटी कौन तोड़ता है. अफीमची या भांग खाने वाला. वह अफीमची कौन था, जो टोटी तोड़ने गया. सपा मुखिया ने कहा कि जो मेरी चीज थी, वह मैं लेकर गया. अगर सरकारी दस्तावेज में ये सभी चीजें दर्ज हैं तो मुझे दिखाएं. अखिलेश यादव ने इसे गोरखपुर, फूलपुर और कैराना की हार का बदला बताया.