नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ओबीसी सम्मेलन को संबोधित किया. ओबीसी समाज की राजनीतिक और सामाजिक आकांक्षाओं को जानने के लिए कांग्रेस ने यह सम्मेलन बुलाया था जिसमें देशभर से ओबीसी समाज के लोग शामिल हुए. इस सम्मेलन में राहुल गांधी ने आरएसएस और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत ही इस बात से की कि हिंदुस्तान में हुनर को इज्जत नहीं मिलती. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस देश में हुनर वाला शख्स पिछले कमरे में छुपा रहता है. उन्होंने कहा, 'यहां काम कोई और करता है और फायदा किसी और को मिलता है.' किसानों की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि किसान दिनभर काम करते हैं, लेकिन मोदी सरकार उनकी इज्जत नहीं करती. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के ऑफिस में आपको कभी किसान नहीं दिखेंगे.

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने उद्योगपतियों का 2.5 लाख करोड़ का कर्जा माफ किया है, लेकिन किसानों को एक रुपया नहीं दिया. सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा अगर कर्जा माफ होगा तो 15 लोगों का, किसानों का कर्जा माफ नहीं होगा.

राहुल गांधी ने कोका-कोला कंपनी और मैकडॉनल्ड का उदारण देते हुए कहा कि भारत में छोटा बिजनेस करने वालों को बैंक से ऋण नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि कोका-कोला कंपनी का मालिक पहले पानी में चीनी मिलाकर शिकंजी बेचता था. उसके स्किल की पहचान हुई जिसके बाद उसे बैंक से लोन मिला और उसने कोका-कोला कंपनी बनाई. मैकडॉनल्ड कंपनी का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कंपनी का मालिक पहले ढाबा चलता था. भारत की बात करते हुए उन्होंने कहा कारीगरों को यह देश कुछ नहीं देता. उनके लिए यहां बैंक और राजनीति के दरवाजे बंद हैं.

राहुल गांधी ने कहा मोदी जी कहते हैं कि हिंदुस्तान में स्किल्स और हुनर की कमी है. हिंदुस्तान में हुनर की कमी नहीं है. ओबीसी में हुनर भरा हुआ है. राहुल गांधी ने कहा अगर हिंदुस्तान को आगे बढ़ाना है तो 50 प्रतिशत जनता यानी ओबीसी को आगे बढ़ाना होगा.

रोजगार का मुद्दा उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब वह रोजगार की बात नहीं करते. उन्होंने कहा कि बीजेपी की रणनीति साफ है कि पूरा फायदा 15-20 लोगों को जाएगा उनमें न किसान होगा, न आदिवासी और न ओबीसी.

इस ओबीसी सम्मेलन को ओबीसी मतदाताओं का भरोसा जीतने की कांग्रेस की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. माना जाता है कि ओबीसी समुदाय अमूमन कांग्रेस को वोट नहीं करता है. इस साल के अन्त में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में पार्टी अभी से वोटर्स को लुभाने में जुटी हुई है.