नई दिल्ली: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को अधिकांश विपक्षियों पार्टियों की 'हां में हां' मिलाते हुए पीएम मोदी की हत्या की साजिश को सहानुभूति हासिल करने की योजना बताया है.

पुणे में एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा, "वे कह रहे हैं कि एक धमकी पत्र था. मैंने एक सीआईडी के लिए काम कर चुके एक रिटायर पुलिस अधिकारी से बात की, उन्होंने मुझे बताया कि पत्र में ऐसी कोई बात नहीं थी. पत्र का इस्तेमाल लोगों की सहानुभूति प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है."

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश के एक पत्र ने राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है. पत्र सीपीआई (माओवादी) के गिरफ्तार पांच सदस्यों में से एक के घर से प्राप्त हुआ है. गुरुवार को पुणे पुलिस ने अदालत में बताया कि पत्र में मोदी को सत्ता से हटाने के लिए राजीव गांधी की हत्या की तरह की घटना को अंजाम देने की बात कही गई है.

दिसंबर में आयोजित 'यल्गार परिषद' और भीमा कोरेगांव की हिंसा से संबंध होने के चलते पुलिस ने दलित कार्यकर्ता सुधीर धावाले, वकील सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, शोमा सेन और रोना विल्सन को मुंबई, नागपुर और दिल्ली से गिरफ्तार किया. अभियोजन पक्ष के वकील उज्जवला पवार ने कोर्ट में बताया कि पत्र को रोना विल्सन के घर से प्राप्त किया गया था, जिसमें आठ करोड़ रुपये के साथ एम-4 राइफिल और चार लाख कारतूस की बात कही गई है.

एनसीपी प्रमुख ने कहा, "जब समान विचारधार के लोग ‘यल्गार परिषद’ के आयोजन के लिए इक्ट्ठा हुए तो उन्हें नक्सली कहा गया और गिरफ्तार कर लिया गया. सबको पता है कि भीमा कोरेगांव हिंसा में किसका हाथ था, लेकिन गिफ्तार उन्हें किया गया जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं है. यह पूरी तरह से सत्ता का दुरुपयोग है.”