लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में स्पार्क इण्डिया एवं ज्योति किरण स्कूल के ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन किया। इस अवसर पर स्पार्क इण्डिया के संस्थापक एवं निदेशक अमिताभ मेहरोत्रा, मानव कुष्ठ आश्रम के अध्यक्ष सुरेश कौल, पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एस0सी0 वर्मा व अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये समृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। दिव्यांग बच्चों ने नाटक के माध्यम से संदेश दिया कि वे भी सामान्य बच्चों की तरह जीना चाहते हैं और उनमें भी प्रतिभा है।

राज्यपाल ने नन्हे-मुन्ने दिव्यांग बच्चों द्वारा राष्ट्रगान, नाटक व अन्य कला प्रस्तुति देखकर भाव विभोर होते हुए कहा कि बच्चों की प्रस्तुति उस श्लोक को चरितार्थ करती हैं जिसमें कहा गया है दृढ़ इच्छाशक्ति से जो बोलने में असमर्थ है वह वाचाल हो सकता है और जो चल नहीं सकता व पहाड़ की ऊंचाई भी लांघ सकता है। बच्चों को सक्षम बनाकर मोहक प्रस्तुति देने के लिये तैयार करने वाले शिक्षक बधाई के पात्र है।

श्री नाईक ने कहा कि ज्योति किरण स्कूल ऐसे दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये ध्वजवाहक की भूमिका निभायें। यदि विद्यालय एवं संस्था की ओर से कोई प्रस्ताव प्राप्त होता है तो वे केन्द्र और राज्य सरकार के माध्यम से सहयोग के लिये स्वयं भी कोशिश करेंगे। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिये चलाई जा रही योजनाओं को उन तक पहुंचा कर समाज के लोग दिव्यांगजनों में आनन्द परिवर्तित करने का प्रयास करें। सूर्य दिनभर चलायमान रहकर प्रकाश और ऊर्जा देता है इसलिये वन्दनीय है तथा पक्षी दिनभर एक वृक्ष से दूसरे वृक्ष तक पहुंचकर मीठे फलों का सेवन करते हैं। उन्होंने कहा कि जो ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ पर विश्वास करके निरन्तर आगे चलने का प्रयास करता है उसी का भाग्य चलता है।
इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों ने शिक्षा पर आधारित नाटक ‘आधा-आधा’ व ‘कंजूस करोड़ीमल’ जैसे लघुनाटक प्रस्तुत करके दर्शकों की वाहवाही लूटी।