लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार और अवैध खनन की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है. मुख्यमंत्री ने गोंडा और फतेहपुर के जिलाधिकारी को जनता की शिकयतों की अनदेखी, भ्रष्टाचार और अवैध खनन में लिप्त पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

डीएम फतेहपुर कुमार प्रशांत और डीएम गोंडा जितेंद्र बहादुर सिंह के ऊपर अनियमितता बरतने, अवैध खनन समेत कई मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही थी. जिसके बाद गुरुवार को दोनों के ऊपर गाज गिरी है. साथ ही मुख्यमंत्री ने यूपी के खनन निदेशक बलकार सिंह को भी हटा दिया है. उन्हें दिव्यांगजन विभाग भेजा गया है. खनन को लेकर बलकार सिंह पहले भी काफी चर्चा में रह चुके हैं.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार और अनियमितत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आज की कार्रवाई इसी कड़ी में की गई है. मुख्यमंत्री अधिकारियों की शिकायतों को सुनने और अवैध खनन पर लगाम लगाने के निर्देश पहले भी कई बार दे चुके हैं. बावजूद तमाम जिलों से अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें लगातार मिल रही हैं.

यही नहीं योगी सरकार के मंत्री और बीजेपी विधायक भी अधिकारियों की लापरवाही बात लगातार मीडिया में सामने ला रहे हैं. मंत्री ओमप्रकाश राजभर अधिकारियों द्वारा बात न सुनने की शिकायत कई बार कर चुके हैं. वह इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी हमलावर हैं. उनका कहना है कि अधिकारी अभी भी नहीं सुन रहे हैं.

मंगलवार को बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह भी तह्सली अधिकारियों और कर्मचारियों को अपशब्द कहते नजर आए. उन्होंने अधिकारियों से बेहतर वेश्यायों को बताया. उनका कहना था कि कम से कम वेश्याएं पैसे लेकर काम तो करती हैं. रात भर स्टेज पर नाचती तो हैं. लेकिन ये अधिकारी पैसे लेकर भी काम करेंगे या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है.