लखनऊ: भ्रष्टाचार के आरोप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को फतेहपुर और गोंडा के जिलाधिकारियों को निलंबित किया है. इस बीच एक और भ्रष्टाचार की शिकायत से हड़कंप मच गया है. दरअसल ये शिकायत एक शख्स ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल के खिलाफ राज्यपाल राम नाईक से की है. आरोप है कि पेट्रोल पंप के मुख्य मार्ग की चौड़ाई बढ़ाए जाने को लेकर प्रमुख सचिव 25 लाख रुपए की घूस मांग रहे हैं. इस गंभीर आरोप पर राज्यपाल ने कार्रवाई के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है.

राज्यपाल राम नाईक द्वारा सीएम योगी को 30 अप्रैल को ये पत्र भेजा गया है. इसमें राज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि लखनऊ के इंदिरानगर में रहने वाले अभिषेक गुप्ता ने 18 अप्रैल को ईमेल भेजकर बताया कि उनके द्वारा हरदोई के संडीला में रैसो गांव में एस्सार आॅयल लिमिटेड द्वारा स्वीकृत पेट्रोल पंप लगाया जाना है. उन्होंने बतया कि पेट्रोल पंप के मुख्य मार्ग की चौड़ाई कम होने के कारण आवश्यक जमीन उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने प्रत्यावेदन दिया है, जो प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री एसपी गोयल के स्तर पर लंबित है.

अभिषेक गुप्ता का आरोप है कि पेट्रोल पंप के मुख्य मार्ग की चौड़ाई बढ़ाए को भूमि उपलब्ध करवाए जाने के लिए प्रमुख सचिव एसपी गोयल की तरफ से 25 लाख रुपए की मांग की जा रही है. साथ ही कहा है कि ये रिश्वत नहीं दिए जाने के कारण प्रमुख सचिव उनके प्रत्यावेदन पर निर्णय नहीं ले रहे हैं. इस कारण पेट्रोल पंप की स्थापना नहीं हो पा रही है.

इससे पहले भ्रष्टाचार के आरोप में गोंडा और फतेहपुर के डीएम निलंबित किए जाने के बाद यूपी सरकार ने यहां नई तैनाती कर दी है. सरकार ने फतेहपुर में आन्जनेय कुमार सिंह को डीएम बनाया है. आन्जनेय कुमार सिंह अभी तक वाणिज्य कर विभाग में अपर आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. वहीं प्रभांशु कुमार श्रीवास्तव को अपर आयुक्त फैजाबाद से गोंडा जनपद का जिलाधिकारी बनाया गया है. दोनों को तत्काल पदभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं.