पटना: केन्द्र सरकार में साझीदार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने NDA में बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। पार्टी ने बीजेपी के रुख से इतर नीतीश कुमार को नेता मानने से इंकार कर दिया है। गुरुवार (7 जून) को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा कि बिहार का अगला चुनाव आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व में लड़ा जाए। नागमणि ने पार्टी की ओर से नीतीश कुमार को बिहार का चेहरा मानने से इंकार कर दिया है। जदयू की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार में राजग का ‘‘चेहरा’’ बताने पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने असहमति जताई है। साथ ही उसने राय दी है कि किसी पार्टी की तरफ से अपना दृष्टिकोण थोपने की बजाए गठबंधन के सभी भागीदारों के बीच सर्वसम्मति से नेतृत्व पर फैसला होना चाहिए। उपेन्द्र कुशवाहा आरएलएसपी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

आरएलएसपी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा कि बिहार विधानसभा का चुनाव कुशवाहा के नेतृत्व में ही लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए कि वह यादवों के बाद ओबीसी के बीच सबसे बड़े समुदाय के नेता हैं। कुशवाहा की आबादी राज्य की कुल आबादी का 10 प्रतिशत है।’’ नागमणि ने कहा, “यदि एनडीए को लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करनी है तो आरएलएसपी चीफ उपेन्द्र कुशवाहा को सीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए, हमलोग नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन आज के माहौल में एनडीए नीतीश के चेहरे के साथ नहीं जीत सकती है।” नागमणि ने आगे कहा, “हमलोग जेडीयू से बड़ी पार्टी हैं, लोकसभा में हमारी तीन सीटें हैं, जबकि जेडीयू की दो सीटें, हमलोग नीतीश कुमार को अपना नेता नहीं स्वीकार कर सकते हैं, वो फिर से यू टर्न ले सकते हैं और लालू जी के पास जा सकते हैं, विश्वास नहीं कर सकते हैं।”

नागमणि के इस बयान के ठीक पहले कुशवाहा ने टेलीफोन पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय को बताया कि वह आज (7 जून) शाम राजग की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। राय ने संवाददाताओं को बताया कि कुशवाहा ने कहा है कि वह कहीं और व्यस्त हैं और इस कारण से राजग की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। लेकिन , इसमें और कुछ नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि आरएलएसपी के अन्य नेता बैठक में हिस्सा लेंगे। पटना में गुरुवार रात बीजेपी केन्द्र में मोदी सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर भोज दे रही है।