सचिव – रक्षा उत्पादन डॉ अजय कुमार हाल ही गुलाबी शहर, जयपुर की यात्रा पर आए। उनकी यह यात्रा महिंद्रा सेज, आरएस इंडिया में भारत के अपनी किस्म के पहले स्विस प्रीसिशन और असेंबली संयंत्र के दौरे के सिलसिले में थी। आरयूजे समूह का उद्देश्य एयरोस्पेस एंड डिफेंस (ए एंड डी) उत्पादन केंद्र के लिए आरएस इंडिया को केंद्र में रूप में प्रदर्शित करना था, जहां आरएस इंडिया एक तरफ देश में प्रीसिशन इंजीनियरिंग मशीनरी की मांग को पूरा कर सकता है, दूसरी तरफ इस मांग को पूरा करने के लिए बीएसडीयू के साथ उपकरण और कुशल कर्मियों की जरूरत को भी पूरा कर सकता है। इसके लिए बीएसडीयू को उद्योग से सहायता और मार्गदर्शन के साथ एक ए एंड डी कौशल कार्यक्रम बनाना पड़ सकता है, क्योंकि हमने आरएस इंडिया में पहले से ही सबसे उन्नत स्विस मशीनरी स्थापित की है। डॉ अजय कुमार ने इस विचार के प्रति बेहद सकारात्मक रवैया दिखाया और यदि यह पहल सफल हो जाती है, तो आरएस इंडिया भारत में एक उच्च तकनीक क्रांति के लिहाज से एक विशाल केंद्र बन जाएगा।

डाॅ अजय कुमार ने आरयूजे ग्रुप के भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) का दौरा भी किया। उन्होंने स्किल इंडिया पहल के प्रति बीएसडीयू के योगदान की सराहना की। इस दौरे में बीएसडीयू के प्रेसीडेंट डाॅ (ब्रि) एस एस पाब्ला और टीम के अन्य सदस्य भी उनके साथ थे।
आरएस इंडिया को हाई प्रीसिशन पार्ट्स, मेटल एनोडाइजिंग, पेंटिंग और हीट ट्रीटमेंट, सर्जिकल आइटम और कटलरी और अन्य उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों आदि के निर्माण और संयोजन के मुख्य उद्देश्य के साथ शामिल किया गया है।

डॉ. अजय कुमार, सचिव – रक्षा उत्पादन ने कहा, ‘‘विनिर्माण क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य संचालक तत्वों में से एक माना जाता है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मशीन उद्योग में अपने उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और उन्हें टिकाऊ बनाने के लिए विनिर्माण क्षेत्रों में गुणवत्ता वाले हाई प्रीसिशन मशीन्ड पार्ट्स को शामिल करने के अनेक अवसर मौजूद हैं। रक्षा उत्पादन में प्रीसिशन बेहद महत्वपूर्ण बिंदु है और इस तरह के एक उन्नत संयंत्र को देखकर और एक भारतीय संस्थापक के पास भारत में सटीक विनिर्माण की मांग को दूर करने का नजरिया देखकर खुशी का अनुभव हो रहा है।‘‘
आरएस इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री जयंत जोशी ने कहा, ‘‘रक्षा उत्पादन सचिव डॉ अजय कुमार की यात्रा को दरअसल भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी और आरएस इंडिया (प्रीसिशनन पार्ट्स विनिर्माण संयंत्र) के लिए भारत सरकार के सबसे प्रगतिशील विभाग/मंत्रालय के सामने अपनी खूबियां प्रदर्शित करने के एक शानदार अवसर के रूप में देखा जा सकता है।