नई दिल्ली: बागनान इलाके में बदमाशों ने सोमवार ( 4 मई) को टीएमसी नेता की गोली मार कर हत्या कर दी। टीएमसी नेताओं ने इस हत्या के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया है। इस हत्या के बाद इलाके में तनाव फैल गया है। तनाव को देखते हुए बागनान इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। खबर यह भी है कि मारे गए टीएमसी नेता की पत्नी ने कुछ दिन पहले हुए पंचायत चुनाव में जीत हासिल की थी। पश्चिम बंगाल में इन दिनों राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला सा चल पड़ा है। इससे पहले दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या पश्चिम बंगाल में हुई थी।

बीजेपी कार्यकर्ता त्रिलोचन महतो का शव पुरुलिया में एक पेड़ से लटका मिला था। इतना ही नहीं त्रिलोचन के पीठ पर हत्यारों ने लिख दिया था कि बीजेपी के लिए काम करोगे तो यहीं हश्र होगा। इसके बाद पुरुलिया में ही पार्टी के एक और कार्यकर्ता दुलाल कुमार का भी शव एक बिजली के खंभे से लटका मिला था। इन दोनों हत्याओं के बाद राज्य में तनाव फैल गया था। इन दोनों मामलों की जांच की जा रही है। बीजेपी ने इन दोनों हत्याओं का आरोप टीएमसी पर मढ़ा था। इन हत्याओं के खिलाफ बीजेपी ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन भी किया था। बाद में दुलाल कुमार के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया था कि उसने आत्महत्या की है। लेकिन दुलाल के परिवार वालों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया था और कहा है कि उनकी हत्या की गई है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार ने भी इन दोनों हत्याओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को नोटिस भेजा था। साथ ही साथ राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी आयोग ने नोटिस भेज कर एक महीने के अंदर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था। आपको याद दिला दें कि पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में भी अलग-अलग जगहों पर बड़े पैमाने पर हिंसा की खबरें आई थीं। टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पों को शांत करने में पुलिस के पसीने छूट गए थे। लेकिन अब दोनों ही पार्टियों के बीच चल रही इस खूनी रंजिश ने राज्य सरकार और राज्य में कानून व्यव्स्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है।