नई दिल्ली: उत्‍तर प्रदेश के उपचुनावों में सत्‍तारूढ़ भाजपा की हार का सि‍लसिला जारी है। कैराना लोकसभा सीट के लिए 28 मई को वोट डाले गए थे। 31 मई को मतगणना थी, जिसमें विपक्षी दलों की उम्‍मीदवार तबस्‍सुम हसन ने भाजपा प्रत्‍याशी मृगांका सिंह को हरा दिया। संयुक्‍त विपक्ष की नेता तबस्‍सुम ने जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधा। जीत के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए उन्‍होंने ट्वीट किया, ‘ये ना बीजेपी की मृगांका सिंह की हार है और न ही मेरी जीत। यह देश के महाबली नरेंद्र मोदी और प्रदेश के महाबली योगी आदित्‍यनाथ की हार है। यह विपक्षी गठबंधन की जीत है और भाजपा के लिए खतरे का लाल निशान।’ बता दें कि विपक्षी दलों ने कैराना लोकसभा उपचुनाव एकजुट होकर लड़ने का फैसला किया था। ऐसे में राष्‍ट्रीय लोकदल की ओर से तबस्‍सुम हसन को मैदान में उतारने का फैसला किया गया था। वहीं, भाजपा ने दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका को अपना प्रत्‍याशी बनाया था। हुकुम सिंह के निधन के बाद यह सीटी खाली हुई थी। बता दें कि यह क्षेत्र राष्‍ट्रीय लोकदल का गढ़ रहा है, लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने यहां से जीत हासिल की थी।

कैराना लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की हार उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के लिए भी झटका है। इससे पहले गोरखपुर और फूलपुर संसदीय क्षेत्रों के लिए मार्च में उपचुनाव हुए थे। दोनों सीटों पर भाजपा का कब्‍जा था। गोरखपुर से योगी आदित्‍यनाथ सांसद थे, जबकि फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्य ने जीत हासिल की थी। योगी और मौर्य के क्रमश: सीएम और डिप्‍टी सीएम बनने के बाद ये दोनों सीटें रिक्‍त हुई थीं। सपा और बसपा ने दोनों सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा था। भाजपा को दोनों संसदीय क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा था। गोरखपुर में हार भाजपा के लिए चुनावी राजनीति के लिहाज से बड़ा आघात था, क्‍योंकि योगी आदित्‍यनाथ यहां से लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे। ऐसे में कैराना लोकसभा उपचुनाव में मिली हार सीएम योगी आदित्‍यनाथ के साथ ही भाजपा के लिए भी परेशानी बढ़ाने वाला है। ये परिणाम ऐसे समय आए हैं जब अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं।