नई दिल्ली: केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस के कारण अब तक दस लोगों की मौत हो गई है, वहीं 9 अन्य मरीज फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस दस के अलावा दो अन्य लोगों की मौत हुई है. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है कि क्या उनकी मौत निपाह के कारण हुई.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि निपाह वायरस से निपटने का हमारे पास कोई पूर्व अनुभव नहीं है. ऐसे हालात हमने पहले कभी देखे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को केरल में वायरस फैलने के बारे में सूचित किया गया है.

वहीं WHO का कहना है कि फल खाने वाले इस वायरस का अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है. उधर सूत्रों के मुताबिक, कुछ संक्रमित लोगों के संपर्क में आए कुल 116 लोगों को अलग-थलग रखा गया है. इनमें से 94 लोगों को उनके घरों में तथा 22 को विभिन्न अस्पतालों में रखा गया है.

इस बीच सरकार की तरफ बताया गया कि फिलहाल इस बीमारी की असल वजह की जांच की जा रही है. वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों की शुरुआती पड़ताल में पाया गया कि ये पीड़ित जिस कुएं से पानी लेते थे, वहां कई चमगादड़ मृत पाए जाते थे.

वहीं जिनेवा में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शैलजा को फोन कर राज्य में हालात के बारे में पूछा और उन्हें केंद्र की तरफ से हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिया.

इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार निपाह वायरस से निपटने के लिए सभी कदम उठा रही है. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट पर कहा, 'एहतियात बरतने और सतर्क रहने की जरूरत है. हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पता चला है कि इस वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर एक कैंपेन चलाया गया, जिससे खलबली पैदा हो रही है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्होंने हर किसी से ऐसे अभियानों से दूर रहने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ हड़बड़ाहट पैदा होगी, बल्कि यह केरल के हितों के भी खिलाफ है.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बीते 24 घंटों में निपाह वायरस का कोई संदिग्ध केस सामने नहीं आया है. हालांकि पड़ोसी कर्नाटक के मेंगलुरु में इसके दो संदिग्ध केस सामने आए हैं, जिनका अस्पताल में फिलहाल उपचार चल रहा है. ये दोनों ही मरीज केरल से हैं और उनमें से एक ने हाल ही में निपाह पीड़ित मरीज से मुलाकात की थी. इस बीच तमिलनाडु ने भी केरल से आए लोगों की जांच शुरू कर दी है, जबकि गोवा ने लोगों के लिए चेतावनी जारी की है.

इस बारे में जब हमने लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज हॉस्पिटल के डॉक्टर डी हिंमाशू से बात की, तो उन्होंने बताया, 'यह हवा से नहीं, बल्कि शरीर के तरल पदार्थों के जरिये इस इंसान से दूसरे में फैलता है. ऐसे में इसके ज्यादा फैलने का डर नहीं. लेकिन अगर वक्त रहते उचित उपाय नहीं किए गए तो यह घातक हो सकता है.'