सुल्तानपुर । अब स्कूल कालेज भी ठगों के नेटवर्क की जद में आ गए हैं। एक
इंश्योरेंस कंपनी छात्रों को वर्ष 2019-20 से छात्रवृत्ति देने के नाम
पर उनके अभिभावकों से ठगी कर वसूली कर रही है । यह बीमा कंपनी लोगों को
एक से एक हसीन सपने दिखा रही है । इतना ही नहीं इस फ्राड को सही साबित
करने के लिए धीरूभाई अम्बानी की फोटो भी लगायी गयी है।

नगर के बाईपास स्थित आरटीओ दफ्तर के सामने आल केयर इंश्योरेंस
आफिस में फ्रॉड का बड़ा गोरखधंधा कई महीनों से चल रहा है। छात्रवृति देने
के नाम पर इनके जाल में फंसे सैकड़ों अभिभावकों को जबरन बीमा पॉलिसी बेंच
दी गई । गुरूवार को जब अभिभावकों को यह पता चला कि आल केयर बीमा कंपनी
ने उनके साथ धोखाधड़ी की है तो अभिभावकों द्वारा बीमा कंपनी के खिलाफ
हंगामा खड़ा कर दिया गया। अभिभावकों द्वारा किये गए हंगामे के बाद कम्पनी
का भेद खुल गया। दबाव में आई आल केयर बीमा कम्पनी ने कई अभिभावकों का
पैसा लौटाया और कई को लिखित में दिया कि पैसा लौटा दूँगा। शहर में मेडिकल
रिप्रेजेंटेटिव राजेश तिवारी को झांसे में लेकर बीमा कम्पनी वालों ने
39300/-रूपये के चेक के साथ 6000/रूपए नकद भी लिया। लेकिन राजेश को जल्द
ही ठगे जाने का एहसास हुआ तो उन्होंने गोलाघाट स्थित बैंक जाकर चेक के
भुगतान पर रोक लगवाई। लेकिन नकद जमा 6 हजार रुपये की माँग किया तो उन्हें
खूब दौड़ाया गया। आखिरकार बीती 17 मई को ब्रांच मैनेजर विमल वर्मा ने
लिखित दिया कि वह उन्हें 19मई को पैसा वापस कर देगे। हालांकि यह पहला
लिखित नोट नही था। इसी क्रम में मुरली नगर के मोनू पांडेय भी ठगी के
शिकार हो चुके हैं । चैकाने वाली बात तो यह है कि कोतवाली नगर क्षेत्र के
रामनगर स्थित कंसा कबरी के जय पाल के पुत्र आदित्य ने छात्रवृति कम्पटीशन
दिया ही नही फिर भी उसे प्रमाणपत्र दे दिया गया और पैसा एठने के लिए
बराबर फोन करते रहे। जब जयपाल ब्रहस्पतिवार को बीमा कम्पनी पहुचे तो इनसे
40 हजार का बीमा पॉलिसी लेने को कहा गया। बदले में प्रलोभन दिया कि उनके
बच्चे को 2019-2020 में 30 हजार रुपये की छात्रवृति रिलायन्स कम्पनी
देगी। जय पाल का पुत्र आदित्य कमला देवी विद्या मंदिर खैचिला में क्लास
तृतीय में एडमिशन लिया है। वेदपाल बताते हैं कि बीमा कम्पनी छात्रवृति
देने के एवज में जमा कराया गया पैसा कम्पनी नही दे रही है। पता चला है कि
ठगे जाने वालों में गभरिया, बनकेपुर, अलीगढ़, दूबेपुर, खैराबाद,
शास्त्रीनगर, विवेक नगर, चैक के दर्जनों अभिभावक हैं जिन्हें शिकार बनाया
गया हैं।